आध्यात्म चेतना संघ ने किया श्री महन्त रविन्द्र पुरी महाराज व प्राचार्य प्रो. सुनील बत्रा को सम्मानित।

धार्मिक शिक्षा हरिद्वार
Listen to this article

गीता धार्मिक ग्रन्थ ही नहीं वरन यह जीवन दर्शन दर्शन का प्रबंधन है : श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी
गीता की प्रांसगिकता के सम्मुख विश्व भी नतमस्तक : प्रो. बत्रा
एस.एम.जे.एन. काॅलेज में आज बुधवार को आध्यात्म चेतना संघ के एक कार्यक्रम में प्रोफेसर पी एस चौहान, आचार्य करूणेश मिश्र, भूपेन्द्र गौड़, प्रेम शंकर प्रेमी ने आज एस एम जे एन पी जी कालेज में पहुँच कर श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व काॅलेज प्रबन्ध समिति तथा प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा को विशिष्ट सामाजिक सेवाओं के लिए हरिद्वार गौरव रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
अपने सम्बोधन में श्री महन्त रविन्द्र पुरी महाराज, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व काॅलेज प्रबन्ध समिति ने कहा कि गीता के ज्ञान को हमे जन-जन तक पहुंचाना होगा ताकि हमारे शास्त्रों की ज्ञान परम्परा को संरक्षित रखा जा सके। श्री मंहत ने कहा कि गीता धार्मिक ग्रन्थ ही नहीं वरन यह जीवन दर्शन का प्रबंधन भी है। श्री महन्त ने कहा कि अध्यात्म चेतना संघ जैसी संस्थायें इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। श्री महन्त ने कहा कि गीता का ज्ञान सभी सफलताओं का आधार है।
अपने सम्बोधन में प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने अपने हरिद्वार गौरव सम्मान हेतु आध्यात्म चेतना संघ को कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि एफ डब्ल्यू टेलर के प्रबन्धकीय सिद्धान्त से भी पहले गीता जनमानस को प्रबन्ध क्षमता का ज्ञान दे चुकी थी। उन्होंने कहा कि गीता की प्रांसगिकता के सम्मुख सम्पूर्ण विश्व नतमस्तक हुआ है। उन्होंने गीता के प्रति आध्यात्म चेतना संघ के समर्पण की सराहना की। प्रोफेसर बत्रा ने अपना सम्मान सभी साथी प्राध्यापकों एवं छात्र छात्राओं को समर्पित किया।
इस अवसर पर पूर्व प्राचार्य एवं संरक्षक प्रो. पी.एस. चौहान ने अपने सम्बोधन में श्री महन्त व प्राचार्य प्रो. बत्रा के कुशल नेतृत्व क्षमता की सराहना की।
अंत में आचार्य श्री करूणेश मिश्र ने गीता पर अपने सम्बोधन में कहा कि गीता में धर्म के संरक्षण पर ही विमर्श किया गया है और धर्म से आशय प्रत्येक व्यक्ति के कर्तव्यबोध से है न कि पूजा पद्धति से।
इस अवसर पर डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी, कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय, प्रो. जगदीश चन्द्र आर्य, विनय थपलियाल, डाॅ. मिनाक्षी शर्मा, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. रजनी सिंघल, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. हेमवती, संजीत कुमार एड़, राजकुमार, पिन्की वर्मा,इसमिता रयाल,दिवया भटट, आंकाशा पान्डेय, पदमावती तनेजा, रश्मि डोभाल, शाहीन,अनरिषा सिंह , भव्या भगत आदि उपस्थित रहें।

Leave a Reply

Your email address will not be published.