डॉ हरक सिंह रावत ने पहले सिख समाज से माफी मांगी और और फिर गुरुद्वारा पांवटा साहिब पहुंचकर प्रायश्चित किया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड कांग्रेस चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरक सिंह रावत ने शुक्रवार 5 दिसंबर को देहरादून में अधिवक्ताओं के धरने पर पहुंचकर वहां मौजूद सिख वकील पर कथित तौर पर टिप्पणी कर दी थी। हरक सिंह ने अपने संबोधन के दौरान चित परिचित अंदाज में सभी अधिवक्ताओं से हाथ उठाकर नारेबाजी करने को कहा, तभी एक सिख वकील के लिए उनके बोल बिगड़ गए, हालांकि, उन्होंने धरना स्थल पर भी माफी मांगते हुए कहा कि उनकी बात का गलत अर्थ नहीं निकाला जाए।उनकी टिप्पणी पर जब अन्य वकीलों ने आपत्ति जताई और इसे सिख समुदाय का अपमान बताया तो शुक्रवार की शाम हरक सिंह बार काउंसिल कार्यालय पहुंचे और माफी मांग कर कहा कि उनके मन में सिख समाज के लिए अत्यंत सम्मान है अगर उनकी बात से किसी की भी भावनाएं आहत हुईं तो वह इसके लिए हृदय से क्षमा मांगते हैं। उसके बाद शनिवार को सिख समाज के लोगों ने उनके बयान पर आक्रोश जताते हुए घंटाघर पर हरक सिंह के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे सिख समाज के लोगों ने डॉ. हरक से सार्वजनिक माफी मांगने की मांग भी उठाई
आज 7 दिसंबर रविवार को हरक सिंह रावत, श्री गुरु गोविंद सिंह के पावन स्थान पांवटा साहिब गुरुद्वारा पहुंचे। उन्होंने सिखों के प्रति अपनी श्रद्धा रखते हुए गलती से बोले गए शब्दों के लिए गुरु ग्रंथ साहिब से माफी मांगी और पश्चाताप किया। कांग्रेस नेता अमरजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने गुरुद्वारे में जोड़ा घर की सेवा भी की और लंगर रसोई में भी निस्वार्थ सेवा की। उन्होंने गुरु साहिब की हाजिरी में अरदास कर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है और गुरुद्वारा साहिब के चरणों में प्रसाद अर्पित किया है।



