उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के लिए सरकार द्वारा अपनाई गई आरक्षण प्रक्रिया में कमियों को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल आज राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचा और राज्य निर्वाचन आयुक्त को आरक्षण की खामियां और अपने सुझावों का एक ज्ञापन सौंपा।
कांग्रेस का आरोप है की सरकार ने अपने हितों के अनुरूप राज्य में आरक्षण तय किया है एक तरफ जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए कोई आरक्षण फिलहाल तय नहीं किया जबकि जिला पंचायत सदस्यों के लिए आरक्षण तय कर दिया गया है इसके अलावा रोस्टर प्रणाली को जीरो करना।किसी स्थान पर जनसंख्या तो किसी स्थान पर प्रतिशत के माध्यम से आरक्षण तय करना जैसी तमाम खामियां इस आरक्षण में है ऐसे में उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है जिसका संज्ञान निर्वाचन आयोग जरूर लेगा हालांकि आज ही उत्तराखंड में उच्च न्यायालय के द्वारा पंचायत चुनाव पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी गई है,
