रामकृष्ण मिशन अस्पताल हरिद्वार के इतिहास में दिनांक 4 जुलाई 2025 शुक्रवार एक उल्लेखनीय दिन बन गया जब यहां के सर्जरी विभाग अध्यक्ष डॉक्टर प्रोफेसर विष्णु कांत पांडेय, अन्य चिकित्सकों एवं चिकित्सा विभाग के कर्मचारी एवं टेक्नीशियन के सहयोग से “CHOLEDOCHAL CYST” जिसे हिंदी में पित्त नली सिस्ट कहते हैं, जो पित्त वाहिनी मुख्य नलियों से संबंधित एक जन्मजात ट्यूमर है जिसका सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। यह एक अत्यंत जटिल सर्जिकल प्रक्रिया है जो बड़े अस्पतालों में ही संपन्न होती है और वहां इनका खर्च 5 से 7 लाख रुपए के आसपास बैठ जाता है और आम जनता के लिए असंभव भी लगता है।
रामकृष्ण अस्पताल कनखल के सचिव स्वामी स्वामी दयामूर्त्यानंद एवं प्रबंधन समिति के उत्साहवर्धक प्रयास एवं समर्थन के फलस्वरूप ही मिशन अस्पताल के शिव-भाव से जन सेवा के आदर्शों के अनुरूप बहुत कम खर्चे में प्रक्रिया संपन्न हो पाई।
इस बीमारी के अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय आंकड़े बताते हैं कि यह एक जन्मजात रोग है जिसमें पित्त वाहिनी नलिकाएं कमजोर होकर गुब्बारे की तरह फूल जाती है. और इसके पित्त के प्रवाह में रुकावट, जॉन्डिस (पीलिआ), बार-बार पेट दर्द और पेनक्रिएटाइटिस तथा कभी-कभी कैंसर तक की संभावना बढ़ जाती है। ज्यादातर 1 वर्ष के कम उम्र के बच्चों में ही लक्षणों एवं जांचो के आधार पर इस रोग की पहचान हो जाती है कुछ मरीज 20 साल की उम्र तक सर्जन के यहां पहुंचते हैं. इस केस में रोग की पहचान 45 वर्ष में हुई हालांकि पेट दर्द की शिकायत लेकर यह मरीज 6 वर्ष पहले किसी सर्जन के यहां गए थे। उस समय पित्त की थैली की पथरी का ऑपरेशन तो किया गया लेकिन ये गंभीर समस्या नजरअंदाज कर दी गई। अगर उस समय इस रोग को पहचान कर साथ में ऑपरेशन हो गया होता तो स्थिति इतनी जटिल नहीं होती. शरीर के एक ही क्षेत्र में दोबारा ऑपरेशन किया जा रहा था अतः वहां पहुंचने में काफी बाधाओं को पार करना पड़ा और प्रक्रिया काफी जटिल हो गई. 7 घंटे चलने वाले ऑपरेशन में सहायक सर्जन डॉ सचिन धाकड़, डॉ प्रज्ञा एवं अन्य सहायकों ने कुशल सहयोग दिया. मरीज की सर्जरी के बाद की देखरेख आईसीयू में डॉ भगवान दास एवं डॉ एस चौधरी की देखरेख में चल रही है. श्री श्री ठाकुर की असीम कृपा से मरीज संतोषजनक प्रगति कर रहा है।
डॉ विष्णु कांत पाण्डेय चिकित्सा क्षेत्र में 40 वर्ष के अनुभवी ख्याति प्राप्त सर्जन है और कई मेडिकल कॉलेज में इन्होंने जनरल एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. संप्रति सेवा भावना के साथ श्री श्री ठाकुर की प्रेरणा से अब यह रामकृष्ण अस्पताल में सर्जरी का संचालन कर रहे हैं. सचिन स्वामी दया मूर्ति जी ने बताया कि अब हर विभाग में वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम बन गई है और अस्पताल को एन ए बी एच उत्कृष्टता का प्रमाण पत्र भी मिल चुका है.उत्कृष्टता का प्रमाण पत्र भी मिल चुका है।

