माणा हिमस्खलन में  फंसे मजदूरों का रेस्क्यू जारी,32  को बचाया गया,मुख्यमंत्री ने आपदा कंट्रोल रूम पहुंच कर हालात का जायजा लिया।

उत्तराखंड दुर्घटना

उच्च हिमालय क्षेत्र में शुरू हुई बर्फबारी लगातार जारी है। इस दौरान शुक्रवार को सुबह बदरीनाथ से तीन किलोमीटर की दूरी पर माणा के समीप हिमस्खलन होने से सीमा सड़क संगठन के 57 मजदूर इसकी चपेट में आग गए । जैसे ही इसकी सूचना भारतीय सेना एवं आईटीपी के जवानों को मिली उन्होंने तत्काल राहत और बचाव कार्य में जुट गए। 32 से अधिक श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने में कामयाब रहे। 32 लोगों को बचाया गया,
चमोली जिले के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन की घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की।

उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर बचाव अभियान को तेज करने के निर्देश दिए। साथ ही, जोशीमठ में आपदा कंट्रोल रूम स्थापित करने का आदेश दिया गया।
अब तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिनमें से 4 को आईटीबीपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बर्फ हटाने के लिए बीआरओ की स्नो कटर मशीनें लगातार काम कर रही हैं। एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी माणा क्षेत्र में बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि घायलों को एयर एंबुलेंस के जरिए एम्स ऋषिकेश पहुंचाया जाए।

मुख्यमंत्री ने माणा स्थित हेलीपैड को प्राथमिकता के आधार पर सक्रिय करने के निर्देश दिए। उन्होंने ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से निगरानी और बचाव कार्य को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया। साथ ही, जोशीमठ स्थित आर्मी अस्पताल, जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में घायलों के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हिमस्खलन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना है। आईटीबीपी, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायुसेना की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। खराब मौसम के बावजूद, स्नो एक्सपर्ट्स की मदद से बचाव कार्य जारी है। प्रभावितों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार के साथ समन्वय बनाए हुए है। प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से भी बातचीत की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि किसी अतिरिक्त एजेंसी की आवश्यकता होगी, तो उनकी मदद तुरंत ली जाएगी।

मुख्यमंत्री रात 8 बजे दुबारा आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सभी एजेंसियां युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं, और जल्द ही सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

ज्ञात रहे कि आज शुक्रवार को प्रात 6 बजे करीब माणा बाई पास के निकट एवलांच आने के कारण बीआरओ के 57 मजदूर जो बर्फ हटाने का काम करते हैं, इसकी चपेट में आ गए। जिला प्रशासन को करीब 11 बजे एवलांच आने की सूचना मिली। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने तुरन्त आर्मी, आईटीबीपी,एसडीआरफ, बीआरओ तथा पुलिस की संयुक्त टीम को बचाव, खोजबीन के रवाना किया।

जिलाधिकारी ने बताया कि 57 में से अभी तक 32 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। शेष 25 मजदूरों को खोजबीन की जा रही है।उन्होंने बताया कि एनडीआरफ की टीम घटना स्थल पर पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री कार्यालय से भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनीटरिंग की जा रही है। और जिला प्रशासन की यथासंभव मदद दी जा रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना से प्रभावित व्यक्तियों को हरसंभव सहायता देने के निर्देश दिए है।उन्होंने कहा कि बर्फवारी और रात होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड रहा है। आशा करते हैं कि हम 25 मजदूरों को भी सकुशल निकाल पाएंगे। इस दौरान पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, एसडीएम चन्द्रशेखर वशिष्ठ व एसीएमओ एमएस खाती मौजूद रहे।

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