केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से 16 जनवरी को आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की गई है । केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा की है.
वेतन आयोग हर 10 साल में गठित किया जाता है।सातवां वेतन आयोग साल 2016 में लागू हुआ था। इस हिसाब से 1 जनवरी 2026 से नया वेतन आयोग लागू होने की उम्मीद है। नया वेतन आयोग लागू होने से सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य फायदे में भी बदलाव होगा। इसका फायदा करीब 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को मिलेगा। नए वेतन आयोग के जरिये अर्थव्यवस्था में दो लाख करोड़ रुपये आने का अनुमान जताया गया है. सरकार के इस फैसले का कर्मचारियों की सैलरी पर अनुमानित क्या असर पड़ेगा।
न्यूनतम सेलरी बढ़कर हो जाएगी 46000 रुपये
सातवें वेतन आयोग का गठन साल 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशों को 2016 में लागू किया गया था. इसके अनुसार न्यूनतम वेतन बढ़कर 18000 रुपये महीना हो गया था. दरअसल, छठे वेतन आयोग के तहत न्यूनतम सैलरी 7000 रुपये थी, सातवें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 को लागू किया गया था. जिसके बाद न्यूनतम सैलरी बढ़कर 7000×2.57=18000 रुपये हो गई थी. आठवें वेतन आयोग के तहत उम्मीद की जा रही है कि फिटमेंट फैक्टर 2.57 को ही जारी रखा जा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो न्यूनतम सैलरी बढ़कर 18000×2.57=46220 रुपये (करीब 46000 रुपये) हो सकती है.
अधिकतम सैलरी वालों को भी लाभ?
सातवें वेतन आयोग के तहत हायर ग्रेड वाले सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी की बेसिक सैलरी अभी 2.5 लाख रुपये है. इनके वेतन में महंगाई भत्ता नहीं जुड़ता है. ऐसे में आठवें वेतन आयोग में यदि फिटमेंट फैक्टर 2.57 लागू किया जाता है तो इनकी सैलरी ढाई लाख से बढ़कर 6.4 लाख रुपये (250000×2.57) हो जाएगी. इसके अलावा सरकार की तरफ से तय ग्रेच्युटी की अधिकतम लिमिट 30 लाख रुपये से नहीं बढ़ाई जाती तो इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं होगा।
पेंशन भी बढ़ेगी
सातवां वेतन आयोग लागू होने पर केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन करीब 23.66 प्रतिशत तक बढ़ गई थी. इससे पहले छठे वेतन आयोग के तहत पेंशन में 14 % का इजाफा हुआ था. इस फॉमूले के तहत आठवें वेतन आयोग में पेंशन करीब 34 % बढ़ने की उम्मीद है. उदाहरण के लिए यदि किसी रिटायर्ड अधिकारी की बेसिक पे 80000 रुपये है तो उसे 4000 रुपये पेंशन मिलती है. अब यदि इसमें 34 प्रतिशत का इजाफा होता है तो यह बढ़कर (40000+27200)=67200 रुपये हो जाएगी.
ग्रेच्युटी भी बढ़ेगी?
केंद्रीय कर्मचारियों की जब सैलरी बढ़ती है तो इसका असर ग्रेच्युटी से लेकर पेंशन तक में हर तरफ दिखाई देता है. अभी 18000 रुपये की बेसिक सैलरी वाले कर्मचारी की 30 साल की नौकरी के दौरान ग्रेच्युटी करीब 4.89 लाख रुपये होती है. लेकिन अब फिटमेंट फैक्टर 2.57 के हिसाब से इसे कैलकुलेट करते हैं तो यह 4.89×2.57=12.56 लाख रुपये हो जाएगी. दरअसल, ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन आपकी अंतिम महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के आधार पर की जाती है।
और क्या लाभ हो सकता है?
नियमानुसार केंद्रीय कर्मचारियों को 24 महीने के बेसिक वेतन के बराबर होमलोन 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर पर मिलता है. छठे वेतन आयोग में यह लिमिट 7.5 लाख रुपये की थी. जिसे सातवें वेतन आयोग के तहत 3.2 बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया. अब यदि फिर से ऐसा किया जाता है तो इसे 25 लाख से बढ़ाकर 80 लाख रुपये किये जाने की उम्मीद है।अनुमानित मिलने वाले लाभ का चार्ट।