कर्मचारी संघ ने तीन माह से वेतन भत्ते न मिलने के कारण हुए उग्र 15 मई तक वेतन न मिलने पर 16मई को करेंगे माननीय कुलपति, कुलसचिव का घेराव ।आज 10मई को चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड एवं नर्सेस संगठन आयुर्वेद चिकित्सालय विश्विद्यालय ने मिलकर कर्मचारियों के साथ आज अपने वेतन भत्तों और अन्य मांगों को लेकर परिसर निदेशक डा डी0सी सिंह का घेराव किया गया डा डी0सी सिंह ने तत्काल कुल सचिव डा अनूप गक्खड़ को फोन मिलाया उनसे वार्ता कर बताया कि उनका घेराव हो गया है उनके द्वारा बताया गया कि विश्वविद्यालय में हुए पुराने किये हुए गलत कार्य के कारण शासन द्वारा अभी तक बजट नही दिया गया है इसलिये आप आंदोलन करो या धरना प्रदर्शन वेतन का बजट जब आएगा तभी मिलेगा जिसके कारण कर्मचारियों में बहुत आक्रोश व्याप्त हो गया है। किंतु डा डी0सी सिंह परिसर निदेशक द्वारा समझाने के बाद उनके द्वारा वार्ता कर अपने हाथ में कोई पावर न होने किंतु हमारी बात को पुरजोर तरीके से रखने का आश्वासन दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा उपशाखा अध्यक्ष छत्रपाल सिंह मंत्री दिनेश ठाकुर संयुक्त सचिव अजय कुमार ने कहा कि कर्मचारियों का वेतन तीन माह से न दिया जाना एव अन्य मांगों का निस्तारण नहीनही किये जाने एवं कुलसचिव द्वारा यह कहा जाना कि वेतन जब मिलेगा तब मिलेगा चाहे आंदोलन करो चाहे कुछ करो जिसके कारण कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है अगर 15मई2024 तक वेतन नही दिया जाता तो16मई को माननीय कुलपति महोदय और कुलसचिव महोदय की गाड़ी का घेराव करते हुए ताला बंदी का एलान कर दिया जाएगा जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व माननीय कुलपति एवं कुलसचिव का होगा साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि जल्दी ही वेतन व्यवस्था एवं अन्य मांगों का निस्तारण न होने की दशा में समस्त कर्मचारी अपना विकल्प जिला आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी के लिए भर कर सब कर्मचारी अपने समायोजन की मांग करेंगे।
आयुर्वेदिक नर्सेस संघ की संरक्षक आनन्दी शर्मा ,बीना मठपाल,ममता कठैत, उपाशना नीमा, ने कहा कि कर्मचारियों का वेतन बार बार अटकने के कारण कर्मचारियों को बैंक द्वारा भी लोन के लिए मना कर दिया गया है राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय को विश्विद्यालय बन जाने के बाद कर्मचारी वेतन,जी पी एफ, मेडिकल अन्य मांगों के लिए तरस गए हैं वहीं रोगियों को भी पूर्ण उपचार नही मिल पा रहा है जल्द ही कर्मचारियों की मांगों का निस्तारण न होने की दशा में कर्मचारियों द्वारा आंदोलन धरना प्रदर्शन घेराव किया जाता है जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व विश्विद्यालय प्रसाशन का होगा।
द्विपक्षीय वार्ता में सम्मलित होने वाले कर्मचारी और अधिकारी निम्न थे डा शशिकांत, डा संजय त्रिपाठी,डा प्रवेश तोमर,डा विमल मेट्रन आनंदी शर्मा ,बीना मठपाल, ममता कठैत, नीमा,सुरेंद्र चौहान दिनेश लखेडा, अरविंद पांडेय, छत्रपाल सिंह,कमल, अजय कुमार, दिनेश ठाकुर, विनोद, सुमन्त पाल, अमित ठाकुर, मनोज पोखरियाल, बाला देवी, बुगली,इत्यादि द्विपक्षीय वार्ता में शामिल थे।