रायवाला क्षेत्र में दरोगा की बेटी आरती के हत्यारे शैलेंद्र का शव चिला नहर से बरामद, हत्या का रहस्य अनसुलझा रह गया।

Dehradun Police अपराध
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दरोगा की बेटी आरती के हत्यारे शैलेंद्र का शव चिला नहर से बरामद हो गया इसी के साथ हत्या करने का रहस्य अनसुलझा रह गया।
शैलेंद्र भट्ट ने जिस बर्बर तरीके से आरती की हत्या की थी सुनकर ही दिल दहल उठता है। मूल रूप से टिहरी निवासी शैलेंद्र भट्ट ने ना सिर्फ दरोगा की बेटी आरती डबराल का बेरहमी से गला काटा, बल्कि उसके बाद खुद भी ऋषिकेश क्षेत्र की चीला नहर में कूदकर जान दे दी। जब तक शैलेंद्र भट्ट का शव बरमाद नहीं हो पाया था तो पुलिस उसके कहीं भाग जाने के कयास भी लगा रही थी। शैलेंद्र के विरुद्ध आरती की हत्या का मुकदमा दर्ज करने के साथ ही पुलिस एक तरफ चीला में उसके शव की तलाश कर रही थी, तो दूसरी तरफ अन्य विकल्पों पर भी आगे बढ़ रही थी। आरती की हत्या को लेकर जो सवाल दोनों के परिजनों और लोगों के मन में कौंध रहे थे, उनके जवाब तलाशने के लिए पुलिस भी निरंतर प्रयास कर रही थी। लेकिन, शुक्रवार को चीला नहर से शैलेंद्र भट्ट का शव बरामद कर लिए जाने के बाद हत्या के असल कारणों और शैलेंद्र के हैवान बनने और उसके बाद खुद की जान लेने जैसे सवाल भी हमेशा के लिए गुम हो गए हैं।
सोमवार 06 मई 2024 की सुबह हरिद्वार राजमार्ग पर छिद्दरवाला स्थित तीन पानी पुल के पास 26 वर्षीय आरती डबराल का खून से सना हुआ शव मिला। आरती की बेरहमी से गला काटकर हत्या की गई थी ।
जनपद देहरादून पुलिस ने जांच में पाया कि 20 बीघा (आइडीपीएल) ऋषिकेश निवासी आरती डबराल रविवार 05 मई को शाम करीब 06 बजे अपने मित्र शैलेंद्र भट्ट के जन्मदिन की पार्टी के लिए घर से निकली थी। यह भी पता चला कि उसी दिन मूल रूप से भद्रास्यूं पुजारगांव टिहरी गढ़वाल निवासी शैलेंद्र भट्ट (26 वर्ष) अपने हाल निवास बसंत कॉलोनी श्यामपुर से शाम 05 बजे निकला था। यहां शैलेंद्र की बहन का घर है और वह पिछले 07-08 साल से यहीं रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था।
पता चला कि शैलेंद्र भी 05 मई की शाम से घर नहीं लौटा है। जिस पर उसकी बहन ने ऋषिकेश कोतवाली में शैलेंद्र की गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई है। जांच में सामने आया कि शैलेंद्र आखिरी समय तक अपने दोस्त मनीष के साथ था। मनीष ने पुलिस को बताया कि उसका दोस्त चीला नहर में कूदने की बात कह रहा था। संभवतः वह नहर में कूद गया है। पुलिस ने तत्काल एसडीआरएफ के गोताखोरों को शैलेंद्र का शव बरमाद करने के लिए चीला नहर में उतारा जिन्होंने लगातार सर्च अभियान चलाकर आज शैलेंद्र के सब को ढूंढ निकाला शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है और अग्रिम कार्यवाही की जा रही है इसके साथ जिन प्रश्नों के उत्तर शैलेंद्र से पूछे जाने थे की हत्या क्यों की वे अनसुलझे रह गए।

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