श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या से उत्तराखंड को पूजित अक्षत कलश प्रदान किया गया, हरिद्वार में विश्व हिंदू परिषद और आर एस एस कार्यकर्ताओं द्वारा पूजित अक्षत कलश का स्वागत और अभिनन्दन किया गया उत्तराखंड के सभी जिलों में ले जाया जाएगा यह अक्षत कलश।। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में श्रीरामलला के भव्य मन्दिर में प्राणप्रतिष्ठा आगामी 22 जनवरी 2024 को होगी। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में पीले अक्षत (चावल) का पूजन कर देश के सभी प्रांतों से आए प्रतिनिधियों के साथ उत्तराखण्ड राज्य को भी पूजित अक्षत कलश प्रदान किया गया। अयोध्या से पूजित अक्षत कलश के हरिद्वार सीमा में प्रवेश करते ही रामभक्त जनता और कार्यकर्ताओं द्वारा पुष्पमालाओं से स्वागत अभिनंदन किया गया। दिव्य अक्षत कलश को देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रवेश द्वार पर स्थित हर की पौड़ी पर सैकड़ों की संख्या में उत्साहित कार्यकर्ताओं द्वारा पूजन अर्चन हेतू लाया गया। हर की पौड़ी पर पवन जी सेवा प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ उत्तराखण्ड, सुदर्शन चक्र महाराज पीठाधीश्वर श्री कृष्ण कृपा शक्तिधाम शक्तिपीठ शाकुंबरी देवी, उत्तर प्रदेश, अजय कुमार प्रान्त संगठन मंत्री विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखण्ड, प्रान्त उपाध्यक्षा संध्या कौशिक, दीवान सिंह फर्त्याल प्रान्त उपाध्यक्ष, प्रान्त उपाध्यक्ष प्रदीप मिश्र, प्रान्त मंत्री विश्व हिन्दू परिषद डा.विपिन चंद्र पाण्डेय, प्रान्त सह मंत्री रनदीप पोखरिया ने संयुक्त रूप से अयोध्या में पूजित अक्षत कलश का विधिवत पूजन–अर्चन किया। पूजन के पश्चात अक्षत कलश सभी जिलों में जाएंगे, सभी जिलों के सभी प्रखंडों में भी इनके पूजन का कार्यक्रम होगा। पीले अक्षत घर–घर हर हिन्दू परिवार तक पहुंचाए जाएंगे, हर हिन्दू को प्राणप्रतिष्ठा के पुण्य आयोजन में आमंत्रित किया जाएगा।
इस अवसर पर अजय कुमार प्रान्त संगठन मंत्री उत्तराखण्ड ने कहा श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में श्रीरामलला के भव्य मन्दिर में प्राणप्रतिष्ठा आगामी 22 जनवरी 2024 को होगी। सदियों की कठिन तपस्या से यह पावन अवसर सभी रामभक्तों को मिल रहा है। प्रभु श्रीराम भारत के राष्ट्रपुरुष हैं, माता जानकी भारत की हर माता बेटी का आदर्श हैं। सम्पूर्ण हिन्दू समाज की सभी विचार गंगाओं में श्रीराम समाहित हैं, सम्पूर्ण सनातन संस्कृति ही श्रीराम में व्याप्त है। जनमानस की परंपराओं में आस्था में श्रीराम के आदर्श चरित्र का निरन्तर गुणगान है। ऐसे प्रभु श्रीराम जी के जन्मस्थान पर हो रहे भव्य मंदिर निर्माण में प्राणप्रतिष्ठा की पावन घड़ी आ गई है, जिसकी हर रामभक्त को सदियों से प्रतीक्षा थी।
प्रान्त मंत्री डा.विपिन चंद्र पाण्डेय ने कहा आगामी 22 जनवरी 2024 सोमवार के शुभ दिन प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण-प्रतिष्ठा की जायेगी। इस अवसर पर देशभर में अभूतपूर्व आनन्द का वातावरण होगा। समस्त हिन्दू जनमानस प्राण-प्रतिष्ठा के दिन घोषित समय के पहले अपने ग्राम, मोहल्ले, कालोनी में स्थित मंदिर में आस-पड़ोस के रामभक्तों को एकत्रित करके, भजन-कीर्तन कर, टेलीविजन अथवा कोई पर्दा (L.E.D., स्क्रीन) लगाकर अयोध्या के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को देखेंगे। शंखध्वनि, घंटानाद, आरती कर, प्रसाद वितरण करेंगे। सम्पूर्ण कार्यक्रम का स्वरूप मंदिर केन्द्रित रहेगा, अपने निवास क्षेत्र में स्थित मंदिर में देवी-देवता का भजन-कीर्तन-आरती-पूजा तथा “श्रीराम जय राम, जय जय राम” इस विजय मंत्र का 108 बार सामूहिक जाप करेंगे तथा हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ करने से सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे, सम्पूर्ण भारत का वातावरण भी सात्विक एवं राममय हो जायेगा। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह दूरदर्शन द्वारा सीधे प्रसारित किया जायेगा, अनेक चैनलों के माध्यम से भी प्रसारण किया जायेगा।
अक्षत कलश पूजन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जगदीप सिंह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, अनुज वालिया प्रान्त संयोजक बजरंग दल, वीरेंद्र कीर्तिपाल प्रान्त प्रवक्ता विश्व हिन्दू परिषद, कुसुम देवी, भावना, अमित कुमार संगठन मंत्री, उमाकांत संगठन मंत्री, नवीन तेश्वर, जीवेंद्र तोमर, भूपेंद्र सैनी, वत्सल पराशर, श्रवण चौहान, अमित मुल्तानिया के साथ नगर और ग्रामीण अंचल से पधारे श्रद्धालुओं तथा अनेक कार्यकर्ता बंधुगण भी उपस्थित रहें।