महंत रघुवंशपुरी कोरा देवी ट्रस्ट  के ट्रस्टी विशाल शर्मा ने दो ट्रस्टियों पर कूटरचना कर फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए एफ आई आर दर्ज कराई।

समस्या हरिद्वार

हरिद्वार के कौरा देवी ट्रस्ट मामले में विशाल शर्मा द्वारा 12 अक्टूबर को कोतवाली ज्वालापुर में  डॉक्टर भरत तिवारी, विभु तिवारी व शैल तिवारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करया है।एफ आई आर में कहा गया है कि महंत रघुवंशपुरी कोरा देवी ट्रस्ट हरिद्वार के  कुल 7 ट्रस्टी 1. विशाल शर्मा पुत्र स्वा० शंकर शर्मा 2. कीर्तिकांत शर्मा पुत्र मदन मोहन शर्मा 3. श्रीमति अंशु शर्मा पत्नी कीर्तिकांत शर्मा 4. श्रीमति कोमल चौधरी पत्नी विशाल शर्मा 5. अर्चित भटनागर पुत्र स्व० विजय भटनागर इसके अतिरिक्त 1. डॉक्टर भरत तिवारी पुत्र अयोध्या प्रसाद व डॉक्टर भरत तिवारी की पत्नी 2. श्रीमति शैल तिवारी उक्त ट्रस्ट में अन्य दो ट्रस्टीगण चले आते रहे हैं, इस तरह कुल मिलाकर उक्त ट्रस्ट के पूर्ण सात ट्रस्टीगण विधिवत चले आते रहे हैं। ट्रस्ट का हर कार्य ट्रस्ट के नियमानुसार वैध रूप से ट्रस्टीगण द्वारा बहुमत से प्रस्ताव पारित कर किया जाता रहा है। उक्त ट्रस्ट एक निजी ट्रस्ट है यह स्पष्ट करना आवश्यक है कुछ ट्रस्टीगण द्वारा पूर्व में ट्रस्ट के खाते से ऋण लिया गया था तथा उक्त ऋण को वापस ट्रस्ट के खाते में जमा भी कराया गया है जिसमे डॉक्टर भरत तिवारी द्वारा ट्रस्ट से दिनांक 8.09.2021 व 3.11.2021 को ट्रस्ट के खाते से मुब0 32,00,000/-रुपए अपने पुत्र विभू तिवारी के खाते में स्थानांतरित कराये तथा दिनांक 16.08.2022 को डा0 भरत तिवारी ने उक्त ट्रस्ट के खाते से मुब 3,00,000/-रुपए स्थानांतरण कराये व दिनांक 10.12.2021 को उक्त डाक्टर भरत तिवारी द्वारा ट्रस्ट की धनराशि मुब0 15,00,000/-रुपए नगद ऋण के रूप में प्राप्त किये थे। काफी समय बीत जाने एवं ट्रस्ट कार्यों में आवश्यकता होने पर जब प्रार्थीगण ने उक्त डॉक्टर भरत तिवारी को ट्रस्ट से ली गई धनराशि मुब० 50,00,000/-रुपए वापस मांगे तो उक्त डॉक्टर भरत तिवारी कोई ना कोई बहाना बनाकर पैसे देने में आनाकानी करने और ट्रस्ट मीटिंगों में भी असक्रिय होने लगे, जिससे इनकी पूर्व से चली आ रही दुर्भावना का ज्ञात ट्रस्टीगण को हुआ जिसके चलते जब ट्रस्टीगण द्वारा दिनांक 10.09.2025 को उक्त डॉक्टर भरत तिवारी से ट्रस्ट से ली हुई ऋण की धनराशि वापस करने का तकाजा किया तो उक्त डॉक्टर भरत तिवारी द्वारा ट्रस्टीगण को पैसे देने से साफ इनकार कर दिया तथा ट्रस्टीगण को झूठे मुकदमे में फसाने की धमकी दी व ट्रस्ट की सभी संपत्ति को हड़पने की भी धमकी दी गई। उक्त डॉक्टर भरत तिवारी द्वारा ट्रस्ट की संपत्ति हड़पने की नीयत से दिनांक 25.09.2025 को झूठे व फर्जी दस्तावेज को आधार बनाकर एक फर्जी ट्रस्ट डीड तैयार की गई तथा उक्त ट्रस्ट डीड में यह कूटरचना कर अंकित किया कि ‘पूर्व ट्रस्टी मीटिंगों के अनुक्रम में ट्रस्ट की नवीन संरचना करते हुए बहुमत के आधार ट्रस्टीगणें की नियुक्ति की जा चुका है जिसके पश्चात वर्तमान में डॉ० भरत तिवारी संस्थापक ट्रस्टी अध्यक्ष व विभु तिवारी सचिव, श्रीमती शैल तिवारी कोषाध्यक्ष, राजीव कुमार गुप्ता सदस्य ट्रस्ट, रवि कुमार सैनी सदस्य ट्रस्टी, महंत रघुवंशपुरी कोर देवी ट्रस्ट हरिद्वार चले आते हैं” इसके अतिरिक्त उक्त ट्रस्ट डीड दिनांकित 25.09.2025 के साथ एक प्रस्ताव दिनांकित 20.09.2025 संलग्न कर आधार बनाया है तथा उक्त प्रस्ताव में यह कूटरचना कर
किया गया है कि “ट्रस्ट द्वारा मीटिंग बुलाकर बहुमत के आधार से निर्णय लेकर प्रस्ताव दिनांक 12.08.2022 से विभु तिवारी पुत्र डॉ भरत तिवारी को ट्रस्ट में हुए रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए ट्रस्ट में सम्मिलित किया गया था” परंतु प्रार्थीगण ट्रस्ट के सात ट्रस्टीगण में से पांच ट्रस्टीगण है जिनके द्वारा ना तो ऐसी कोई मीटिंग की गई है और ना ही एसा कोई प्रस्ताव पारित किया गया है ना ही ऐसे किसी प्रस्ताव में प्रार्थीगंण के हस्ताक्षर हैं, यह उल्लेखनीय है कि बिना बहुमत के ना तो ट्रस्ट के किसी ट्रस्टी को निकाला जा सकता है और ना ही सम्मिलित किया जा सकता है, जिस कारण उक्त डॉक्टर भरत तिवारी द्वारा अपने पुत्र विभु तिवारी व पत्नी शैल तिवारी के साथ षडयंत्र रचकर कूटरचित दस्तावेज को आधार बनाकर ट्रस्ट की संपत्ति को हड़पने की नियत सेउक्त कूटरचित ट्रस्ट डीड दिनांकित 25.09.2025 तैयार की है तथा ट्रस्ट की धनराशि मुब0 50,00,000/-रुपए हड़प लिए हैं ओर ट्रस्ट के विरुद्ध जाकर ट्रस्ट के विपक्षिगणों से मिल गये है और पूर्व के तथ्यों के विपरीत जाकर फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तहसील हरि‌द्वार जो ज्वालापुर कोतवाली छेत्र के अंतर्गत स्थित है में तैयार किये गए है। श्रीमान जी से प्रार्थना है कि उक्त डॉक्टर भरत तिवारी, विभु तिवारी व शैल तिवारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें। कृपा होगी। कोतवाली ज्वालापुर में 318(4,)336(4),338,340(2),351(2),61(2) धाराओं के अंतर्गत एफ आई आर दर्ज की गई है।

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