गजब- पूरे स्कूल में दसवीं का एक ही छात्र,वह भी सभी विषयों में फेल,सात छात्रों के इस स्कूल में सात शिक्षकों का स्टाफ है नियुक्त।

उत्तराखंड

उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में एक स्कूल में अनोखा परिणाम देखने को मिला। हाई स्कूल में एकमात्र विद्यार्थी था जो की सभी विषय में फेल हो गया।
नैनीताल के ओखलकांडा ब्लॉक में स्थित एक राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में इस बार उत्तराखंड बोर्ड की दसवीं कक्षा के हाईस्कूल के एकमात्र छात्र ने परीक्षा दी और वह भी सभी विषयों में फेल हो गया।ये हालत तब है जब सात छात्रों के इस स्कूल में सात शिक्षकों का स्टाफ तैनात रहा।

स्कूल में बीते सत्र में कक्षा छह से दसवीं तक मात्र सात विद्यार्थियों ने पढ़ाई की। इनमें कक्षा छह-सात में दो-दो, कक्षा आठ, नौ और दस में केवल एक-एक ही छात्र थे। सात छात्रों के इस स्कूल में प्रधानाध्यापक समेत सात शिक्षक भी तैनात हैं। हालांकि एक शिक्षक (आर्ट विषय) को दूसरे स्कूल में व्यवस्था के लिए भेजा गया है। पूरे स्कूल से एकमात्र छात्र ने दसवीं की परीक्षा दी थी। 19 अप्रैल को जब परीक्षा परिणाम आया तो वह छात्र भी सभी विषयों में फेल हो गया।

शिक्षा विभाग ने खराब परिणाम वाले स्कूलों की जब स्कूटनी शुरू की तब यह मामना सामने आया है। छात्र को हिन्दी में सबसे अधिक 10 अंक मिले हैं जबकि बाकी विषयों में स्थिति और भी खराब रही। स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने दावा किया कि शिक्षकों ने छात्र को नियमित कक्षाओं में पढ़ाया। उन्होंने बताया कि नए सत्र में छात्रों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से मांगा जवाब ।खराब रिजल्ट की बात सामने आने पर खंड शिक्षाधिकारी ओखलकांडा सुलोहिता नेगी ने स्कूल के सभी शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है। शिक्षकों से पूछा है कि उनके खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि क्यों न दर्ज की जाए? उन्होंने बताया कि इस स्कूल को किसी अन्य स्कूल में विलय करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।

खंड शिक्षाधिकारी ने बताया कि इस बार ब्लॉक में हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम 92.2 एवं इंटर का 84.95 फीसदी रहा। खराब रिजल्ट देने वालों की सूची तैयार नैनीताल जिले में हाईस्कूल एवं इंटर के परीक्षा परिणामों में खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं की सूची तैयार की जा रही है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए स्कूलों से जानकारी मांगी है। मुख्य शिक्षाधिकारी गोविंद जायसवाल ने बताया कि जिन शिक्षकों का अपने विषय में खराब रिजल्ट रहा, उनकी प्रतिकूल प्रविष्टि की जाएगी। ” विभाग की ओर से मामले में जांच की जा रही है। नियमों के तहत जो भी कार्रवाई होगी, वह की जाएगी। स्कूल का रिजल्ट शून्य प्रतिशत होना ठीक नहीं है।” गजेन्द्र सिंह सीन, प्रभारी अपर निदेशक शिक्षा, कुमाऊं।

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