हरिद्वार।बी एच ई एल में गुप चुप तरीके से 5 जून 24 को एक दुकान की नीलामी होने पर ज्वालापुर निवासी मोहम्मद शफीक ने बी एच ई एल के कार्यपालक निर्देशक और चेयरमैन को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। शिकायती पत्र में मोहम्मद शफीक ने भेल के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए जानकारी दी है कि भेल के सेक्टर 1 मे पूर्व से दो मटन (नॉन वेज) की दुकान चली आ रही है जिनसे हिंदूवादी लोग परेशान है। इसके बावजूद भेल के संपदा विभाग के कुछ अधिकरी मांस के कारोबार को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे है। जबकि उत्तराखंड सरकार इस पर अंकुश लगा रही है और मांस की दुकानों को नए लाइसेंस भी नहीं जारी किए जा रहे हैं। शिकायती पत्र में मोहम्मद शफीक ने सात बिंदुओं पर जांच करने की मांग की है ।भेल में हुई ई टेंडरिंग दुकान संख्या 5/N2 जो कि सेक्टर एक में स्थित है जिसकी नीलामी गत वर्ष मार्च 23 मे भी हुई थी। उसकी अंतिम बोली 43500 थी। भेल ने वेंडर की बोली स्वीकार कर ली थी लेकिन किन्हीं कारणों से वेंडर ने दुकान नहीं ली जिस कारण उसे उसकी सिक्योरिटी भी वापस नहीं की गई । इस दुकान की पुनः नीलामी 5 जून को 24 को गुपचुप तरीके से कर दी गई जिसमें दुकान की नीलाम जी एस टी समेत मात्र 210200 में कर दी । वहीं नीलामी के नोटिस का प्रकाशन भी उचित प्लेटफार्म पर नहीं किया गया जिससे उसी के साथ शिकायतकर्ता स्टेकहोल्डर है और उसे अवसर नहीं मिला। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि सही मायने में वह दुकान थी ही नहीं । पूर्व मे वह ड्राई क्लीन की दुकान के वर्कशॉप थी। मिली भगत से उसे दुकान में तब्दील करके उसकी नीलामी कर डाली, वह भी गुपचुप तरीके से। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि गत वर्ष की बोली से लगभग ₹22000 कम मे दुकान दे दी गई । जो एक घोटाला है।
बी एच ई एल पर गुप चुप तरीके से दुकान की नीलामी का आरोप, जाँच की मांग
हरिद्वार।बी एच ई एल में गुप चुप तरीके से 5 जून 24 को एक दुकान की नीलामी होने पर ज्वालापुर निवासी मोहम्मद शफीक ने बी एच ई एल के कार्यपालक निर्देशक और चेयरमैन को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। शिकायती पत्र में मोहम्मद शफीक ने भेल के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए जानकारी दी है कि भेल के सेक्टर 1 मे पूर्व से दो मटन (नॉन वेज) की दुकान चली आ रही है जिनसे हिंदूवादी लोग परेशान है। इसके बावजूद भेल के संपदा विभाग के कुछ अधिकरी मांस के कारोबार को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे है। जबकि उत्तराखंड सरकार इस पर अंकुश लगा रही है और मांस की दुकानों को नए लाइसेंस भी नहीं जारी किए जा रहे हैं। शिकायती पत्र में मोहम्मद शफीक ने सात बिंदुओं पर जांच करने की मांग की है ।भेल में हुई ई टेंडरिंग दुकान संख्या 5/N2 जो कि सेक्टर एक में स्थित है जिसकी नीलामी गत वर्ष मार्च 23 मे भी हुई थी। उसकी अंतिम बोली 43500 थी। भेल ने वेंडर की बोली स्वीकार कर ली थी लेकिन किन्हीं कारणों से वेंडर ने दुकान नहीं ली जिस कारण उसे उसकी सिक्योरिटी भी वापस नहीं की गई । इस दुकान की पुनः नीलामी 5 जून को 24 को गुपचुप तरीके से कर दी गई जिसमें दुकान की नीलाम जी एस टी समेत मात्र 210200 में कर दी । वहीं नीलामी के नोटिस का प्रकाशन भी उचित प्लेटफार्म पर नहीं किया गया जिससे उसी के साथ शिकायतकर्ता स्टेकहोल्डर है और उसे अवसर नहीं मिला। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि सही मायने में वह दुकान थी ही नहीं । पूर्व मे वह ड्राई क्लीन की दुकान के वर्कशॉप थी। मिली भगत से उसे दुकान में तब्दील करके उसकी नीलामी कर डाली, वह भी गुपचुप तरीके से। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि गत वर्ष की बोली से लगभग ₹22000 कम मे दुकान दे दी गई । जो एक घोटाला है।