ज्वालापुर निवासी पिता पुत्र ने एक अधिवक्ता पर मकान कब्जाने और झूठे मुकद्मों में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगायी है। ज्वालापुर निवासी रविंद्र कुमार सिंघल और उनके पुत्र सौरभ सिंघल ने शंकर आश्रम के समीप स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि इंदु एनक्लेव में उनका एक मकान है। जिसे उन्होंने अधिवक्ता को किराए पर दे दिया था। अधिवक्ता ने चार महीने तक नियमित रूप से किराया दिया। लेकिन इसके बाद किराया देना बंद कर दिया। मकान खाली करने को कहा तो पैसों की डिमांड करने लगा। झूठा मुकद्मा कर स्टे हासिल कर लिया। जिसे बाद में अदालत ने खारिज कर दिया। इसके अलावा उनके खिलाफ पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज कर आपराधिक मुकद्मा दर्ज कराने का प्रयास भी किया। लेकिन पुलिस जांच में शिकायत झूठी निकली। रविंद्र कुमार सिंघल और सौरभ सिंधल ने कहा कि वे व्यापारी हैं। कोर्ट कचहरी के झंझट से बचने के लिए मुअज्जि लोगों के माध्यम से अधिवक्ता से समझौता कर मकान खाली कराया। मकान खाली कराने के बाद जब उन्होंने अधिवक्ता से समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा तो उसने अपनी पत्नि को भेजकर मकान पर दोबारा कब्जा कराने का प्रयास किया। आरोप लगाया कि मकान कब्जाने के मामले में अधिवक्ता के साथ कुछ अन्य अधिवक्ता भी शामिल हैं। बार काउंसिल आफ उत्तराखंड, जिला बार एसोसिएशन, एसएसपी हरिद्वार तथा सीएम पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करायी गयी है। सौरभ सिंघल की पत्नि ऋचा सिंघल ने पुलिस और प्रशासन से जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा कि उनके पति और ससुर को झूठे मामलों में फंसाने की धमकीयां दी जा रही हैं। जिससे पूरा परिवार भयभीत है। पत्रकारवार्ता के दौरान नीरज सिंघल, हरीश सिंघल, राजेश, दिनेश गोयल आदि भी मौजूद रहे।