जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल के उद्घोष के साथ आज श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुल गए और श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा प्रारंभ हो गई है।पौराणिक हिंदू तीर्थ श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में भी श्रद्धालु दर्शन के लिए आने लगे हैं।वहीं शुक्रवार को गोविंदघाट गुरुद्वारे से पंच प्यारों की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था कड़ी पुलिस सुरक्षा एवं बैंड बाजों की धुन और पवित्र निशान के साथ श्री हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुआ था। जत्थे ने रात्रि विश्राम घांघरिया स्थित गुरुद्वारे में किया।
यह जत्था हेमकुंड साहिबा के लिए रवाना हुआ। ‘बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के जयकारों के साथ आज प्रातः 9:30 बजे श्री हेमकुंड साहिब के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिये खोल दिए गए हैं। उत्तराखंड के पांचवें धाम के नाम से विश्व विख्यात हेमकुंड साहिब की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रशासन और गुरुद्वारा कमेटी की ओर से हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई हैं। सप्त श्रृंग पर्वत मालाओं के बीच 4,632 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र धाम में 18 किलोमीटर की पैदल कठिन चढ़ाई को पार कर पहुंचा जाता है।
हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए पहले जत्थे में शामिल सिक्ख श्रद्धालुओं में भारी उत्साह नजर आया। इसके साथ ही लोकपाल घाटी में शीतकाल में पसरा सन्नाटा भी टूट गया है। श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने सभी संगतों से अपील की है कि गुरु आस्था पथ पर सौहार्द कायम रखें और शांत माहौल बनाते हुए गुरु धाम पहुंचें और गुरु महाराज का आशीर्वाद लें।
श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी बुद्ध पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। लोकपाल लक्ष्मण मंदिर समिति व पुलना घाटी के ग्रामीणों की उपस्थिति में द्वार पूजन कर मुख्य पुजारी द्वारा विधि विधान से लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट खोले गए। गौरतलब है कि ज्यादातर हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट एक ही दिन खोले जाते हैं। किंतु इस बार 2 दिन पूर्व बुधवार को लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट खोल दिए गए। मंदिर समिति द्वारा बताया गया कि शुक्रवार से कृष्ण पक्ष शुरू हो रहा था और शास्त्रों के अनुसार इस अवधि में मंदिर के कपाट नहीं खोले जाते हैं। इसलिए बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मंदिर के कपाट खोल दिए गए।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के समीप स्थित इस पौराणिक हिंदू तीर्थ श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में भी श्रद्धालु दर्शन के लिए आने लगे हैं। श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के बारे में लोक मान्यता है कि यहां इसी लोकपाल घाटी में पवित्र सरोवर के किनारे भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण जी ने अपने पूर्व जन्म में शेषनाग अवतार के रूप में घोर तपस्या की थी। यह मंदिर श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के समीप पवित्र हिम सरोवर के निकट ही मौजूद है।
समुद्र तल से 15 हजार 225 फीट की ऊंचाई पर होने के साथ साथ विश्व का सबसे ऊंचाई पर स्थित लक्ष्मण मंदिर है। यहां देश विदेश के कोने कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां भ्यूंडार गांव के ग्रामीण पूजा अर्चना के लिए जाते हैं। हेमकुंड साहिब जी आने वाले सभी तीर्थयात्री श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के दर्शन भी कर रहे हैं।