जाने-माने वयोवृद्ध शिक्षाविद जोगेंद्र लाल जग्गी पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। उनका कनखल श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे आलोक कुमार ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। वे अपने पीछे इकलौता पुत्र, पुत्रवधू और पौत्री छोड़ गए। उनके निधन पर शिक्षा जगत में शोक छा गया। उन्होंने 87 साल की अवस्था में कनखल,(हरिद्वार) के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे।
श्री मिथिलेश सनातन धर्म इंटर कॉलेज, सतीघाट, कनखल में करीब 37 वर्षों से ज्यादा समय तक उन्होंने गणित,अंग्रेजी और अर्थशास्त्र के शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की। वे शिक्षा जगत के नियमों के विशेषज्ञ माने जाते थे।
1936 में उनका जन्म अविभाज्य भारत के पिंडीघेब (रावलपिंडी) कस्बे में हुआ था। भारत विभाजन के बाद वे 11 साल की उम्र में पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए और उन्होंने कनखल में श्री मिथिलेश सनातन धर्म इंटर कॉलेज में एक छात्र के रूप में शिक्षा ग्रहण की और उन्होंने इसी विद्यालय में शिक्षक के रूप में भी अपनी सेवाएं प्रदान की। सनातन धर्म परिवार से उनका गहरा नाता था। वह आयुर्वेद के भी अच्छे ज्ञाता थे और कई वर्षों तक उन्होंने सनातन फार्मेसी का संचालन किया।
उनके निधन पर श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा (पंजाब)नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ देशबंधु , कार्यकारी अध्यक्ष इंद्र मोहन गोस्वामी, कॉलेज की प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुधीर कुमार गुप्ता, प्रबंधक सतपाल ब्रह्मचारी, कॉलेज की प्रधानाचार्या मीनाक्षी जोशी, उपाध्यक्ष महंत स्वरूप बिहारी शरण, पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी,डॉक्टर प्रदीप जोशी, तोष जैन, बालेंदु शर्मा, पूर्व प्रधानाचार्य ईश्वर दयाल बिश्नोई, सुभाष चंद्र भाटिया, बलवीर सिंह चौहान, सुनील दत्त पांडेय, अरुण खन्ना, मनोज खन्ना , पूर्व प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार मिश्रा, डॉ. आनंद बल्लभ जोशी, राजीव पंत,गोपाल दत्त जोशी, गोविंद, गंभीर सिंह राणा आदि ने गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है।