श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन श्री कृष्ण जी की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन करते हुए अन्नकूट पर्व मनाया गया।

धार्मिक हरिद्वार
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सामूहिक भोज से ऊंच-नीच का भेदभाव खत्म हो जाता है और परस्पर प्रेम बढ़ता है। श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन श्री कृष्ण जी की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन किया गया।
श्रीमद्भागवत की कथा प्रारंभ करते हुए कृष्ण जन्म पर नंद बाबा की खुशी का वृतांत सुनाते हुए कहा कि जब प्रभु ने जन्म लिया तो वासुदेव जी कंस कारागार से उनको लेकर नन्द बाबा के यहाँ छोड़ आये और वहाँ से जन्मी योगमाया को ले आये। नंद बाबा के घर में कन्हैया के जन्म की खबर सुनकर पूरा गोकुल झूम उठा।


पूतना का वर्णन करते हुए कहा कि पूतना कंस द्वारा भेजी गई एक राक्षसी थी और श्रीकृष्ण को स्तनपान के जरिए विष देकर मार देना चाहती थी। पूतना कृष्ण को विषपान कराने के लिए एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर वृंदावन में पहुंची थी। जब पूतना भगवान के जन्म के 06 दिन बाद प्रभु को मारने के लिए अपने स्तनों पर विष लगा कर आई, तो कन्हैया ने अपनी आँखे बंद कर ली, कारण क्या था? क्योंकि जब एक बार मेरी शरण में आ जाता है तो उसका उद्धार निश्चित है। लेकिन जब पूतना आई तो प्रभु ने आंखे फेर ली क्योंकि वो मित्र का भेष रखकर शत्रुता निभाने आई थी। पूतना पिछले जन्म में राजा बलि की बहन रत्नमाला थी जो इस जन्म में पूतना बनी, पूतना पिछले जन्म के कारण भगवान से शत्रुता का भाव रखती थी वह मौका पाकर पूतना ने बालकृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी। श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पूतना का वध कर उसका कल्याण किया।
भगवान जो भी लीला करते हैं वह अपने भक्तों के कल्याण या उनकी इच्छापूर्ति के लिए करते हैं। श्री कृष्ण ने अशोक वृक्षों को गिरकर गंधर्व कुमारो का उद्धार किया और इस प्रकार अनेक लीलाओं का वर्णन करते हुए । श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में सामूहिक भोज का महत्व बताया उन्होंने कहा की सामूहिक भोज करने से आपस में प्रेम बढ़ता है उच्च नीच का भेदभाव खत्म होता है सामूहिक भोज की परंपरा अब टूटती जा रही है जिससे सब लोग एकांकी हो गए हैं। व्यास जी ने गोवर्धन पर्वत की कथा सुनाते हुए कहा कि प्रभु ने जहां औरों के घमंड तोड़े तो देवराज इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए भी गोवर्धन लीला की‌। उन्होंने गोवर्धन पर्वत की पूजा की इस अवसर पर शानदार उत्सव मनाया गया गोवर्धन की आरती के साथ प्रभु को छप्पन भोग भी लगाए गए। कपिल परिवार द्वारा कुंज गली में आयोजित कथा के दौरान मुख्य यजमान ललित कपिल, सुभाष कपिल,दिलीप कपिल, हर्ष कपिल हिमांशु कपिल सहित , मधुकांत गिरी,कृष्णा बोस, शशि सूरी, कमलेश सूरी, सुनीता वर्मा पूनम भट्ट, शेफाली भट्ट, राजकुमारी सतलेवालसुधासतलेवाल,उमा बत्रा, चमन लाल खट्टर, नीलम खट्टर , उरमन मदान ,रेखा मदान ,नीलम मदान ,पूनम अरोड़ा, हर्ष अरोड़ा, सरिता अरोड़ा, सारिका सचदेवा, सुषमा गंभीर शालू गंभीर सावित्री बाधवा, टीना बाधवा, टीना कपिल ,विमला भट्ट, पिंकी भट्ट, सत्यवती शर्मा सीता शर्मा सीमा कपिल अनुराधा कपिल सुनीता कपिल नीलम कपिल इशिका कपिल देव कपिल, रीता कपिल ,स्वर्ण कांता, जितेंद्र शर्मा, संतोष शर्मा, राहु कपिल ,मानसी, दर्ष आदि उपस्थित रहे।

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