हरिद्वार जिले के भगवानपुर एवं बहादराबाद के जल स्तर की स्थिति चिंताजनक है – प्रशांत राय ।

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सतत् भूजल प्रबंधन के क्षेत्रीय निदेशक प्रशांत राय ने कहा कि भगवानपुर एवं बहादराबाद के जल स्तर की स्थिति चिंताजनक है।
आज एस एम जे एन पी जी कॉलेज हरिद्वार में महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ तथा पर्यावरण प्रकोष्ठ द्वारा केंद्रीय भूजल बोर्ड, जल शक्ति मन्त्रालय जल संस्थान, भारत सरकार के सहयोग से सतत भूजल प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारंभ किया गया । सतत भूजल प्रबन्धन के क्षेत्रीय निदेशक प्रशान्त राय ने अपने स्वागत सम्बोधन में कहा कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है ।इसमें भूजल के अलग अलग स्तरों का निरीक्षण चल रहा है जिसके आधार पर ही सरकार भूजल सम्बन्धी योजनाओं का क्रियान्वयन करती है । प्रशांत राय ने बताया कि वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि हरिद्वार जिले के भगवानपुर एवं बहादराबाद के जल स्तर की स्थिति चिंताजनक है ।

उन्होंने बताया कि भूजल स्तर विषय पर छात्र छात्राओं को जागरूक होना पड़ेगा क्योंकि उनके द्वारा ही आगे 30-40 वर्ष तक कार्य किया जाना है। आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ० संजय कुमार माहेश्वरी ने अपने विचार प्रकट करते हुये कहा कि जल के बिना हमारा अस्तित्व नहीं है पंचतत्वों से मिलकर शरीर बना है जिसमें जल की महत्वपूर्ण भूमिका है । उन्होंने जल प्रबंधन को आने वाले समय के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताया। समाज सेवी  जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिये जलसंचय उपयोगी एवं सार्थक है । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरित ऋषि विजयपाल सिंह बघेल ने कहा कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिये ही होगा ।उन्होने बताया की पहले हम नदी का पानी पीते थे फिर कुएँ का फिर हैडपंप का और आज बोतल का पानी पीते है पानी को वस्तु बना दिया गया है। ग्रीनमैन श्री बघेल ने कहा कि जल संरक्षण के लिये पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है । कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में डॉ० विकास तोमर ने पी पी टी के माध्यम से उत्तराखंड तथा हरिद्वार जिले के भूजल स्तर के बारे में विस्तार से बताया । डॉ० विकास तोमर ने केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा हरिद्वार जिले में भूजल प्रबंधन हेतु किए गए प्रयासों की भी जानकारी दी। उन्होंने जल संरक्षण के लिए व्यक्तिगत स्तर पर किए जा सकने वाले उपायों की जानकारी देते हुए युवाओं को जल संरक्षण, प्रबंधन एवं संवर्धन हेतु जागरूक तथा प्रेरित किया। अतिथियो का आभार व्यक्त करते हुए डॉ तोमर ने महाविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ, पर्यावरण प्रकोष्ठ, महाविद्यालय के शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों का कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में डॉ शिवकुमार चौहान, डॉ मनोज कुमार सोही, डॉ० विजय शर्मा, डॉ लता शर्मा, डॉ आशा शर्मा , डॉ मोना शर्मा , विनित सक्सेना , डॉ सरोज शर्मा , डॉ पुनीता शर्मा, डॉ पल्लवी ,डॉ मीनाक्षी ,डॉ रजनी सिंघल ,डॉ रेनु सिंह, वैभव बत्रा, डॉ यादवेंद्र सिंह, निष्ठा चौधरी, भव्या ,साक्षी गुप्ता ,आकाक्षां पांडे, रिंकल गोयल ,रिचा मनोचा, दीपिका आनन्द आदि ने सहभाग किया ।

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