माता सती ने भोलेनाथ से कहा बिना बुलाए मंदिर में, माता-पिता ,गुरु और मित्र के घर जा सकते हैं । लेकिन भोलेनाथ ने कहा किसी के उत्सव में जहां विरोध हो उसके यहां बिना बुलाए नहीं जाना चाहिए।
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सती माता की कथा का प्रकरण सुनते हुए कथा व्यास भागवत आचार्य अनुराग कृष्ण शास्त्री जी ने कहा कि प्रभु भोलेनाथ के शब्द सती माता को सत्य प्रतीत हुए और जब वे बिना निमंत्रण के अपने पिता दक्ष के यहां पहुंची, तो राजा दक्ष द्वारा अपमानित होने पर इतना दुखी और क्रोधित हुई कि उन्होंने यज्ञ कुंड में स्वयं को जला दिया , माता सती के इस निर्णय से विध्वंस हुआ भगवान भोलेनाथ के गनों ने सारे यज्ञ को तहस-नहस कर दिया और उनके गण वीरभद्र ने दक्ष का सिर काट दिया।
शास्त्री जी कहते हैं कि क्रोध क्षणिक होता है इसलिए क्रोध के समय कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए क्रोध में लिया गया निर्णय कभी हितकारी नहीं होता, उन्होंने कहा यदि कोई गलती हो जाए तो उसका प्रायश्चित करना चाहिए राजा दक्ष की पत्नी ने जब प्रायश्चित किया तो भगवान भोलेनाथ ने दक्ष को जीवन दान दिया। ऐसे ही कपिल मुनि और ध्रुव के प्रसंग भी आज तीसरे दिन सुनाए गए। सुंदर भजनों पर खूब थिरके भक्त गण। आज के मुख्य अजमान दिलीप कपिल सुभाष कपिल, तुषार कपिल ललित कपिल अनिल कपिल हर्ष कपिल देव कपिल आदि सहित सुनीता कपिल रीता कपिल, सीता शर्मा, सुदेश शर्मा, स्वर्ण कांता, संतोष शर्मा, राकेश शर्मा, गीता बाली, कृष्ण बोस,चमन लाल खट्टर,नीलम खट्टर , पूनम अरोड़ा, हर्ष अरोड़ा,अल्का, कामिनी, सुधा,जया गुजराल कृष्ण कांता विमला भट्ट मानसी, राहुल और दर्ष आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।खड़खड़ी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में अनुराग शास्त्री जी ने बताया कि चौथे दिन 21 फरवरी को श्रीकृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।