श्री सनातन ज्ञान पीठ शिव मंदिर सेक्टर 1 समिति द्वारा आयोजित श्री शिव महा पुराण कथा के तृतीय
दिवस की कथा का शुभारंभ करते हुए परम पूज्य उमेश चंद्र शास्त्री महाराज जी ने बताया कि भगवान शिव को मिलने तथा प्राप्त होने के कारण तीन है श्रवण, मनन, कीर्तन, पहला कारण का अर्थ है कि जिस व्यक्ति को कथा का श्रवण करना सुनना आ गया उसकी पहली अवस्था ठीक हो गई तब जो कहा उस पर ध्यान देकर उसको जीवन में धारण करना चाहिए तीसरा कीर्तन का अर्थ गाना बजाना नहीं है इसका अर्थ है कि कथा को दूसरों को सुनाओ अर्थात जो शिव कथा से वंचित है दुनिया से ग्रसित है उसे भगवान शिव की महिमा बताएं तथा शिव भक्ति के प्रति उत्सुकता जगाना भगवान शिव पुराण के रचयिता ही नहीं अपितु अच्छे श्रोता है इसलिए भगवान शिव जाकर मुनियो से राम कथा सुनते हैं कथा का विस्तार करते हुए कहा कि यह जगत में यदि पूज्य बनना चाहते हो तो शिव की पूजा करनी पड़ेगी एक बार ब्रह्मा और विष्णु भगवान में झगड़ा हो गया कि सबसे अधिक मैं पूज्य हूं कि भगवान शिव को जब पता चला तब उन्होने कहा कि दोनों ही जाकर इस ज्योतिर्लिंग का पता करो कि इसका आदि तथा अंत कहां है तब बहुत वर्षों तक खोजने के पश्चात विष्णु भगवान ने शंकर से माफी मांग ली तथा कहा कि मैं पता नहीं कर सकता लेकिन ब्रह्मा ने दो गवाह तैयार कर लिए एक केतकी पुष्प तथा दूसरा गाय दोनों ने ही जाकर शंकर के सामने कह दिया कि हम स्वयं देख कर आए तब शंकर ने इनका झूठ पहचान लिया तब गाय को शाप दिया कि तुम्हारी पूजा नहीं होगी तथा केतकी को कहा कि मेरी पूजा में जो तुम्हे मेरे को अर्पित करेगा उसकी पूजा मैं स्वीकार नहीं करूंगा तथा विष्णु भगवान ने कहा कि नहीं इनके अपराध को क्षमा कर दो तब शिव जी ने कहा कि शिवरात्रि को मेरी पूजा में केतकी के पुष्प जो चढ़ायेगा मैं उसकी पूजा को स्वीकार कर लूंगा तथा गाय से कहा कि तुम्हारा मूख दुर्गंध से तो रहेगा लेकिन शरीर के शेष अंगों की पूजा होगी तथा गौ दान करने पर मोक्ष की प्राप्ति होगी तथा ब्रह्मा जी से कहा कि केवल एक मंदिर पुष्कर में तुम्हारा बनेगा सत्य पर विष्णु से कहा कि घर पर घर में तुम्हारी पूजा होगी तथा सबसे अधिक आपके ही मंदिर बनेंगे।
कथा में मंदिर सचिव ब्रिजेश शर्मा और कथा के मुख्य यजमान प्रभात गुप्ता और उनकी धर्मपत्नी रेनू गुप्ता,
जय प्रकाश,राकेश मालवीय,दिलीप गुप्ता,तेज प्रकाश,अनिल चौहान, सुनील चौहान,विष्णु समाधिया,
मानदाता,मोहित तिवारी,हरिनारायण त्रिपाठी,कुलदीप कुमार,अवधेश पाल
,मंगरे,राम ललित गुप्ता,ऋषि,धर्मपाल,अलका शर्मा,संतोष चौहान,पुष्पा गुप्ता,सरला शर्मा,विभागौतम,अनपूर्णा, राजकिशोरी मिश्रा,सुमन, कौशल्या,अंजू,मंजू,तनु चौहान,नीतू गुप्ता,कुसुम गैरा,विनोद देवी,उमा राणा, विनीता देव,मनसा मिश्रा,सुनीता चौहान और अनेको श्रोता गण कथा मे सम्मिलित हुए।


