शिव मंदिर समिति सेक्टर 1 में श्री राम कथा के दूसरे दिन महंत प्रदीप गोस्वामी जी ने माता सती प्रसंग एवं भगवान शंकर व माता पार्वती के विवाह की कथा सुनाई ।

धार्मिक हरिद्वार
Listen to this article

श्री राम कथा में कोई भी संदेह नहीं करना चाहिए ।
शिव मंदिर समिति सेक्टर 1 मंदिर समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा के दूसरे दिन की कथा वाचक परम पूज्य महंत प्रदीप गोस्वामी जी ने भक्तों को माता सती प्रसंग एवं भगवान शंकर पार्वती माता के विवाह की कथा सुनाई ।कथा व्यास जी ने कहा स्वयं पार्वती माता जी भगवान शंकर से श्री राम कथा सुनती है सुनते सुनते माता को तृप्ति नहीं होती आपितु भगवान के प्रति विश्वास गहरा होता जाता है हमारे अंदर भी ऐसा ही एहसास होना चाहिए ।शंकर जी कहते हैं हे पार्वती आप पूर्व जन्म में सती के रूप में मेरी पत्नी थी एक बार जब भ्रमण के लिए जा रहा था तब उस समय भगवान श्री राम लक्ष्मण के साथ माता सीता की खोज के लिए वन मे विलाप कर रहे थे तथा वनों में भटक रहे थे तब हे पार्वती मैं सती के साथ अपने इष्ट देव को प्रणाम करने के लिए उनके सम्मुख जाना चाहता था लेकिन उनके पास इसलिए नहीं गया कि मेरे प्रभु को कष्ट होगा अत: दूर से ही प्रणाम किया तथा सती को सारी बातें बताई लेकिन सारी बातें सुनकर सती कुछ बोली तो नहीं लेकिन मन ही मन में संदेह करने लगी तब हम हिमालय पर गए तब कुछ दिवस बाद सती बोली कि मैं आपके भगवान श्रीराम से मिलना चाहती हूं
ये कैसे आप के ईस्ट देव है जो पत्नी के वियोग मै भटक रहे है मेरे मना करने पर भी जब नहीं मानी तब मैंने कहा कि जाकर प्रणाम करके लौट आना परीक्षा मत लेना लेकिन उसके मन में कुछ ओर ही चल रहा था ।जब सती श्री राम के पास पहुंची तब भगवान श्रीराम ने सती जी को पहचान लिया और कहा कि माता जंगल मै अकेले कैसे घूम रही हो। भगवान शंकर कहां है तब सती जी को बड़ा ही दुःख हुआ।क मैने भगवान पर संदेह किया तब इसी कारण से हे पार्वती सती का मुझसे वियोग हुआ । शंकर पार्वती विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि शंकर जी शमशान की राख से सिंगार करते है क्योंकि यह सिंगार ऐसा है जो हमेशा सत्य व अमृत के समान रहता है लेकिन सांसारिक द्रव्य एक दिन बाद ही मिट जाता है अतः कथा कहती है कि संसार में आकर व्यक्ति अच्छा आचरण कर के परलोक मै प्रसिद्धि प्राप्त कर सकता है।भगवान शंकर और पार्वती का विवाह का उत्सव बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया गया है आज की कथा संदेश देती है कि श्री राम कथा में कोई भी संदेह नहीं करना चाहिए कथा को विश्वास के साथ श्रवण करें भगवान की प्राप्ति अवश्य ही होगी ।
कथा के मुख्य यजमान हरेंद्र मौर्य और ललिता,ब्रिजेश शर्मा,जय प्रकाश,राकेश मालवीय,तेजप्रकाश, आदित्य गहलोत,अनिल चौहान ,सुनील चौहान,होशियार सिंह,विष्णु समाधिया,महेश,मानदाता,मोहित शर्मा,संजय चौहान,हरिनारायण त्रिपाठी,दीपक मोर,अलका शर्मा,भावना गहलोत,संतोष चौहान,सरला शर्मा,विभा गौतम,अनपूर्णा,राजकिशोरी मिश्रा,सुमन,डोली,कौशल्या,अंजू,मंजू आदि लोग उपस्थित हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published.