इलेक्ट्रिक वाहनों, नवीकरणीय एकीकरण व ग्रिड भंडारण की राष्ट्रीय जरूरतों के अनुरूप भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की में दुनिया भर के 600 से अधिक प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के साथ ऊर्जा भंडारण पर चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में चर्चा की गई।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के भौतिकी विभाग एवं सतत ऊर्जा केंद्र द्वारा आयोजित संगोष्ठी में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से ऊर्जा भंडारण उपकरण 2023 और उद्योग-अकादमिक कॉन्क्लेव पर दूसरी अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई जो 7 दिसंबर से 10 दिसंबर तक चलेगी। भारत और विदेश दोनों से 600 से अधिक प्रतिभागियों के साथ, यह बैठक ऊर्जा भंडारण उपकरणों और नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, ई-गतिशीलता और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए उनके अनुप्रयोगों के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व कार्यक्रम बनने की ओर अग्रसर है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की द्वारा आयोजित आईएमईएसडी 2023 सम्मेलन का उद्देश्य ऊर्जा भंडारण उपकरणों के क्षेत्र में वैश्विक विशेषज्ञों को एकजुट करना और सहयोग को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम का केंद्रीय विषय हालिया रुझानों और भविष्य के अनुसंधान दिशाओं का पता लगाने के लिए विविध ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों को एक आम मंच पर लाना है। भारत में ऊर्जा भंडारण उपकरणों की वर्तमान स्थिति, चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर ध्यान देने के साथ, चार दिवसीय सम्मेलन में लिथियम-आयन बैटरी, ली-आयन बैटरी, सुपर कैपेसिटर, हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था, सिस्टम डिज़ाइन और एकीकरण से परे जैसे विषय शामिल है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, स्वीडन, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के प्रतिष्ठित वक्ता, भारतीय संस्थानों और अनुसंधान संगठनों के उच्च-रैंकिंग अधिकारियों के साथ, एक गतिशील ज्ञान-साझाकरण मंच में योगदान करते हुए, अपनी नवीनतम प्रगति साझा करेंगे।
चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के. पंत, एमआरएस-सिंगापुर के प्रोफेसर बी. वी. आर. चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर टेक्सास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरुमुगम मंथिरम सहित ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में काम करने वाले प्रोफ़ेसर सतीशचंद्र, वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राम बी गुप्ता, वर्जीनिया कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ मौजूद थे
नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के सारस्वत ने कहा कि कैसे भारत कार्बन उत्सर्जन को कम करने और एक टिकाऊ समाज के निर्माण के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और उसके भंडारण के रोडमैप पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लिथियम बैटरी का विकल्प बहुत जरूरी है।