रेस्क्यू सेंटर में वन्य जीवों की देखभाल पर वन विभाग खर्च करता है प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपए,एक गुलदार की एक दिन की डाइट पर खर्च होते हैं ₹1200।

प्रशासन समस्या हरिद्वार


एक गुलदार की डाइट पर ही प्रतिदिन खर्च होते हैं 1200 रूपए
हरिद्वार, 13 दिसम्बर। उत्तराखंड के जंगलों में हजारों की संख्या में वन्यजीव मौजूद हैं। लेकिन इंसानों के लिए खतरा बनने वाले गुलदार आदि वन्यजीवों को चिड़ियापुर स्थित रेस्क्यू सेंटर में रखा जाता है। रेस्क्यू सेंटर में चिकित्सकों की देखरेख में अन्य स्टाफ वन्यजीवों की देखभाल करता है। हैरानी की बात यह है कि सालाना एक करोड़ से अधिक की राशि रेस्क्यू सेंटर में रखे गए वन्यजीवों की देखरेख पर खर्च होती है। एक गुलदार की डाइट पर ही प्रतिदिन 1200 रुपए खर्च होते हैं।


डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि एक गुलदार की डाइट पर प्रतिदिन 1200 रूपए का खर्च आता है। जोकि महीनें में लगभग 50 हजार के लगभग होता है और सालाना एक गुलदार पर 60 लाख रूपए खर्च होते हैं। मौजूदा समय में रेस्क्यू सेंटर में 21 गुलदार मौजूद हैं। डीएफओ ने बताया कि रेस्क्यू सेंटर में रखे गए गुलदारों की डाइट, मेडिसिन आदि पर एक करोड़ से अधिक खर्च आता है। बताया कि चिकित्सकों द्वारा निर्धारित डाइट प्लान के मुताबिक दो दिन उन्हें बकरे का मांस, दो दिन बीफ और दो दिन चिकन दिया जाता है। मंगलवार को उनका पूरी तरह उपवास रहता है। इसके साथ ही उन्हें 24 घंटे जंगल जैसा वातावरण देने की कोशिश की जाती है। गर्मियों के सीजन मंे कूलर और सर्दियों में हीटर की व्यवस्था की जाती है।

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