शासन की गाइड लाइन के अनुसार नियमितीकरण नियमावली के अन्तर्गत आ रहे हैं कर्मचारियों को शीघ्र अति शीघ्र नियमित किए जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड निकाय कर्मचारी संयुक्त मोर्चे द्वारा एक ज्ञापन नगर आयुक्त को दिया गया । प्रदेश की उत्तराखंड सरकार द्वारा संविदा,दैनिक वेतन,तदर्थ रूप से कार्यरत कर्मियों जो 2008 से वर्ष 2018 तक 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके हैं उनको नियमित करने का रास्ता साफ हो गया है,क्योंकि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2013 की नियमावली को निरस्त कर 2025 की नियमावली को मंजूरी दे दी गई है,जिसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।इसी उद्देश्य से उत्तराखंड निकाय कर्मचारी संयुक्त मोर्चे द्वारा एक ज्ञापन नगर आयुक्त को दिया गया तथा मोर्चे के नेताओं द्वारा मांग की गई कि जो शासन की गाइड लाइन के अनुसार नियमितीकरण नियमावली के अन्तर्गत आ रहे हैं उनको शीघ्र आति शीघ्र नियमित किया जाए।नगर आयुक्त ने इस पर शीघ्र कार्रवाई करने का आश्वासन मोर्चे के नेताओं को दिया। मोर्च के नेताओं को कुछ सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है कि कुछ लोग कर्मचारियों को भ्रमित कर नियमितीकरण के नाम पर धन उगाही करने का काम कर रहे हैं ऐसे लोगों से मोर्चे नेताओं द्वारा सावधान रहने की अपील की है।नेताओं ने भ्रमित कर्मियों को सलाह दी है कि जो भी 10 वर्ष कार्य अवधि में आएगा उसको नगर निगम आयुक्त के द्वारा नियमित किया जाएगा,किसी को कोई पैसा देने की आवश्यकता नहीं है।
ज्ञापन देने वालों में मोर्च के नेता सुरेन्द्र तेश्वर,राजेन्द्र श्रमिक, टंकार कौशल,प्रवीण तेश्वर, आत्माराम,रामचंद्र ड्राइवर स्टाफ, मनोज लाईन स्टाफ,कुलदीप कांगड़ा,प्रवीण कुमार,मनोज छाछर,काजल,सुमित पेवल,अमित कुमार,साहिल, सुमित,भारत,रामपाल,सुनीता,जुगनू कांगड़ा, संजय पीवाल,उमेश,वह जादअली,ललित अरोड़ा,सलीम अहमद,भूषण कुमार,प्रमोद,कलू खान,दिगंबर सिंह बिष्ट,सुनील दत्त, अमीर हसन,सुनील कुमार,सुभाष, मनोज कुमार, लाइनमैन, सुभाष, अंशुल कुमार,विनय कुमार,सुनील, वसीम, शमशेर,राजेश कुमार आदि कार्यकर्ता शामिल थे।


