श्री चेतन ज्योति संस्कृत विद्यालय हरिद्वार  में 10दिवसीय (26 जुलाई से 6अगस्त तक चले) संस्कृत संभाषण शिविर का समापन हुआ।

शिक्षा संस्कृति हरिद्वार

महन्त ऋषीश्वरानन्द महाराज के तत्वावधान में श्री चेतन ज्योति संस्कृत विद्यालय हरिद्वार के सभागार में 10दिवसीय (26 जुलाई से 6अगस्त तक )चले संस्कृत संभाषण शिविर का आज बुधवार को समापन हुआ। विद्यालय के प्रधानाचार्य आचार्य सर्वेश कुमार तिवारी जी अध्यक्षता व उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष एवं संस्कृत भारती उत्तराखंड के न्यासी प्रॅफेसर प्रेमचंद शास्त्री के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ । शिविर की सफलता पर हर्ष जताते हुए मुख्य अतिथि प्रेमचंद शास्त्री ने संस्कृत संभाषण की महती आवश्यकता पर जोर देते हुए संस्कृत छात्रों से कहा कि वर्तमान में संस्कृत भाषा ही शरीर को स्वस्थ एवं संस्कृति को तथा भारतीय विज्ञान तथा इतिहास जानने का माध्यम है अतः सामाजिक व्यक्तित्व बनाए रखने के लिए संस्कृत में धारा प्रवाह बोलना अति आवश्यक है भारतीय जनगणना के अवसर पर अपनी मातृभाषा संस्कृत लिखबाना कभी कोई न भूले , क्योंकि इसी से सरकारी अनुदान एवं संस्कृत की सामाजिक स्थिति का पता चलता है ।
सभा अध्यक्ष आचार्य सर्वेश तिवारी जी ने कहा कि संस्कृत की पूरे विश्व में मांग है योग्यतम छात्रों को निरंतर रोजगार प्राप्त होते हैं अतः  संस्कृत छात्रों में दीन हीन भावना नहीं आनी चाहिए ,केवल एकमात्र संस्कृत भाषा ही ऐसी भाषा है जिसमें अनेकों विश्वविद्यालय चलते हैं तथा अकादमी याॅ एवं समाचार पत्र पत्रिकायें कार्य कर रहे हैं संस्कृत छात्रों के लिए शिक्षा, सुरक्षा ,राजनीति ,व्यापार ,पत्रकारिता तथा धार्मिक क्षेत्र में कार्य करने के लिए पर्याप्त अवसर है ।
इस अवसर पर अचार्य महीधर प्रसाद सती जी ,आचार्य महेश नौटियाल जी, श्रीमती तारा देवी जी,प्रशिक्षक आचार्य संतोष कापड़ी जी तथा चेतन चौबे एवं अन्य वक्ताओं ने अपने मंतव्य को छात्रों के समक्ष रखा।
इस अवसर पर 65 छात्रों ने संस्कृत से संभाषण का कौशल प्रदर्शन करने की एवं अधिक अधिक संस्कृत बोलने और सीखने की इच्छा जाहिर की।

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