शिव मंदिर सेक्टर 1 में आयोजित श्री शिव महा पुराण कथा के छठवें
दिवस कथा व्यास उमेश शास्त्री जी ने भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का सुन्दर वर्णन किया ।

धार्मिक हरिद्वार


श्री सनातन ज्ञान पीठ शिव मंदिर सेक्टर 1 समिति द्वारा आयोजित श्री शिव महा पुराण कथा के छठवें
दिवस की कथा का शुभारंभ करते हुए परम पूज्य उमेश चंद्र शास्त्री महाराज जी ने श्रोताओ को संबोधित करते हुए कहा कि सती के यज्ञ में कूदकर आत्मदाह करने  के पश्चात भगवान शिव तपस्या में लीन हो गए उधर माता सती ने हिमालय और मैना रानी के यहां पर पार्वती के रूप में जन्म लिया ।व्यास जी बताया की उस समय  तारकासुर नाम के एक असुर  का बहुत ही आतंक था जिससे देवता गण उससे बहुत ही भयभीत रहते थे।
तारकासुर को वरदान प्राप्त था कि उसका वध सिर्फ भगवान शिव की संतान ही कर सकती है. उस समय भी भगवान शिव अपनी तपस्या में लीन थे।तब सभी देवताओं ने मिलकर शिव और पार्वती के विवाह की योजना बनाई।भगवान शिव की तपस्या को भंग करने के लिए कामदेव को भेजा गया लेकिन वह भस्म हो गए. देवताओं की विनती पर शिव जी पार्वती जी से विवाह करने के लिए राजी हुए।विवाह की बात तय होने के बाद भगवान शिव की की बारात की तैयारी हुई। सांसारिक व्यक्ति बारात में जाने से पहले श्रृंगार करता है सभी प्रकार के द्रवो को अपने शरीर पर लगाता है जिससे की ऐसा सुंदर वर लगे जैसा ओर कोई ना हो।परन्तु भगवान सदा शिव शमशान की भस्म को धारण करके सुंदर दिखना चाहते है तथा सांसारिक व्यक्तियों को ये संदेश देना चाहते है की दुनिया के कितने भी द्रवो को   लगाए वह एक दिन अवश्य ही मिट जायेगा।परन्तु चिता की भस्म ही अंतिम सत्य है ।यदि इस बात को याद रखें तो मनुष्य सत्य के पथ पर चलेगा तथा संसार मे  सत्य शिवम्  सुंदरम कहलायेगा।महाराज जी ने कथा को आगे सुनाते हुए बताते है की शिव जी की बारात में देवता, दानव, गण, जानवर सभी लोग शामिल हुए।भगवान शिव की बारात में भूत पिशाच भी पहुंचे।ऐसी बारात को देखकर पार्वती जी की मां बहुत डर गईं और कहा कि वे ऐसे वर को अपनी पुत्री को नहीं सौंप सकती हैं. तब देवताओंउ ने भगवान शिव को परंपरा के अनुसार तैयार किया, सुंदर तरीके से श्रृंगार किया इसके बाद दोनों का विवाह सम्पन्न हुआ.
इस प्रकार शिवजी के विवाह का उत्सव मंदिर में बहुत ही धूमधाम के भक्तो के साथ मनाया गया।
कथा मे मंदिर सचिव ब्रिजेश शर्मा और कथा के मुख्य यजमान प्रभात गुप्ता और उनकी धर्मपत्नी रेनू गुप्ता,
जय प्रकाश,राकेश मालवीय,दिलीप गुप्ता,तेज प्रकाश,अनिल चौहान, सुनील चौहान,दीपक अग्रवाल,
अंशुल गुप्ता,मानदाता,मोहित तिवारी,हरिनारायण त्रिपाठी,कुलदीप कुमार,अवधेशपाल,रामललित गुप्ता,
धर्मपाल,अंकित गुप्ता,दिनेशउपाध्याय
,हरेंद्र मौर्य,अलका शर्मा,संतोष चौहान,पुष्पा गुप्ता,सरला शर्मा,
विभागौतम,अनपूर्णा,राजकिशोरी मिश्रा,मिनाक्षी,कौशल्या,तनुचौहान,
नीतू गुप्ता,कुसुम गैरा,मनसा मिश्रा
,सुनीता चौहान,रेनू और अनेको श्रोता गण कथा मे सम्मिलित हुए।

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