पतंजलि योगपीठ में युवा धर्म संसद के आयोजन शुभारंभ हुआ। युवा धर्म संसद का शुभारंभ मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राम जन्मभूमि न्यास समिति के महामंत्री चंपत राय और योगगुरु स्वामी रामदेव के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
युवा धर्म संसद के पहले दिन वक्ताओं ने युवाओं से आह्वान किया कि वह राष्ट्र भावना को सर्वोपरि रखते हुए जीवन में आगे बढ़ें, बुद्धिजीवी वक्ताओं ने स्वामी विवेकानन्द के शिकागों में दिये गए उद्बोधन के विषय में जानकारी प्रदान की गई।
मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि देश का युवा राष्ट्र निर्माण में अपनी भागेदारी सुनिश्चित करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन धर्म को विश्व में पहचान मिल रही है। कई राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्ष सनातन संस्कृति से प्रभावित होकर उसे अपना रहे हैं। सनातन संस्कृति की योग विद्या को पूरी दुनिया अपना रही है। प्रधानमंत्री के 2047 के विकसित भारत के संकल्प को हमें मिलकर कामयाब करना है। आने वाले 25 साल की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है, वह हमारी युवा शक्ति ही है। युवा शक्ति को संगठित होकर राष्ट्रभाव समर्पित होना होगा। आज राष्ट्र को युवा शक्ति की जरूरत है। युवा देश की तरक्की और उन्नति के लिए सही दिशा में काम करे तो वह दिन दूर नहीं जब भारत फिर से विश्वगुरू बन जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को देश के प्रति जिम्मेदार और कर्तव्यपरायण भी बनना होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि नींव को मजबूत करने के लिए यह युवा धर्म संसद मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने विस्तार से यह भी बताया कि उत्तराखण्ड सरकार युवाओं को कैसे प्रोत्साहन दे रही है, स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वह जिस क्षेत्र में भी जाए राष्ट्र भावना को सर्वोपरि रखें। अपने संकल्प में कोई विकल्प न रखें, विकल्प आने पर संकल्प समाप्त हो जाता है और मंजिल दूर हो जाती है। हमें रोजगार देने वाले युवा बनना है, मिलकर प्रयास करना होगा। मनुष्य अनंत शक्ति का भंडार है।
पतंजलि योगपीठ के सभागार में युवा धर्म संसद का आयोजन सेवाज्ञ संस्थानम् के द्वारा किया गया है। शिकागो धर्म सम्मेलन में दिए गए स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक उद्बोधन को लक्ष्य कर आयोजित की जा रही युवा धर्म संसद में देश के 24 राज्यों के युवा भाग ले रहे हैं। इसका उद्देश्य युवाओं के मध्य धर्म और अध्यात्म के वास्तविक स्वरूप और समाज व राष्ट्र के समसामयिक विषयों पर उनके विचारों को परिष्कृत और स्पष्ट करना है।
युवा धर्म संसद के उद्घाटन सत्र में चंपत राय ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो धर्म सम्मेलन में दिये गए उनके भाषण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कैसे उस वक्त स्वामी विवेकानंद ने सनातन संस्कृति का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया था। उन्होंने सहष्णुिता को लेकर स्वामी विवेकानंद द्वारा धर्म सम्मेलन में जो व्याख्या की गई थी, उस संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।
युवा धर्म संसद की अध्यक्षता कर रहे योगगुरु स्वामी रामदेव ने अपने संबोधन में कहा कि युवाओं को सदैव उत्साह से लबरेज रहना चाहिए। युवाओं को अपनी ऊर्जा को उसे सकारात्मक दिक्षा में लगाना चाहिए। युवाओं में शौर्य, वीरता और पराक्रम के साथ विनम्रता भी होनी चाहिए। स्वामी रामदेव ने सनातन धर्म के चारों वर्णों के बारे में बताते हुए कहा कि जब तक राम और कृष्ण के वंश के लोग जिंदा है तब तक विधर्मी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकते। । गीता के प्रमुख श्लोक हमें कंठस्थ होने चाहिए। रामदेव ने धामी सरकार द्वारा सनातन धर्म को लेकर उत्तराखण्ड में किये गए कार्यों के लिए उनका आभार भी जताया।कार्यक्रम मे सिद्धपीठ श्री हनुमन्निवास अयोध्या आचार्य मिथिलेश ननिदनी शरण जी महाराज द्वारा भीअपने विचार रखे गये।
कार्यक्रम में विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल, सीडीओ आकांक्षा कोण्डे, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की आशीष मिश्रा, पूर्व विधायक सुरेश राठौर, बजरंग दल के राजेन्द्र पंकज सहित प्रोफेसर रामनाथ झा, ऋषिकेश उपाध्याय, बजरंग देव, बीजेपी जिलाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति, सन्दीप गोयल सहित बड़ी संख्या मेयुवक-युवतिया आदि उपस्थित थे।