भारतीय शास्त्रीय कलाओं में गायन, वादन और नृत्य की प्रस्तुतियां देखने को मिली परमार्थ आश्रम घाट पर आयोजित नृत्य कला महोत्सव में।

संस्कृति हरिद्वार

आज उत्तरी हरिद्वार के सप्तसरोवर क्षेत्र में परमार्थ आश्रम घाट पर  नृत्य कला महोत्सव भारतीय शास्त्रीय कलाओं की विभिन्न शैलियों को समर्पित एक अनूठा आयोजन किया गया।

इस महोत्सव में शास्त्रीय नृत्य एवं संगीत के सैकड़ों कलाकारों ने अपनी सुंदर प्रस्तुतियां दी, जिसमें  तबला, मृदंग, पखावज, बांसुरी एवं गिटार जैसे वाद्यों की मधुर संगत देखने को मिली।  

सुप्रसिद्ध कलाकार डॉ. रागिनी मक्कड़ ने बताया कि कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति के रूप में भव्य ‘गंगा नृत्य नाटिका’ प्रस्तुत की गई , हर हर गंगे के गीत के साथ स्वच्छता का संदेश दिया गया।  निर्देशन स्वयं डॉ. रागिनी मक्कड़ ने किया। इस नाटक के माध्यम से गंगा के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व को नृत्य एवं संगीत के माध्यम से अभिव्यक्त किया गया। महोत्सव का समापन सामूहिक गंगा आरती के साथ हुआ

जिसमें सैकड़ों कलाकारों ने एक साथ आरती की। यह आयोजन उच्च श्रेणी के विश्व रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।  गंगा नृत्य कला महोत्सव भारतीय संस्कृति, कला एवं आध्यात्मिक चेतना का अनूठा संगम है, जो समाज में सांस्कृतिक चेतना को नई दिशा देगा।

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