सावधान : भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सरकार ने मीडिया चैनलों के लिए जारी की विशेष एडवाइजरी।

राष्ट्रीय समस्या

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सभी टेलीविज़न चैनलों और मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं का प्रसारण करते समय सावधानी बरती जाए, विशेषकर उन मामलों में जो सुरक्षा बलों की रणनीति और ऑपरेशन्स से संबंधित हों।

यह एडवाइजरी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण न करें। मंत्रालय ने कहा है, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण न करें।’

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कश्मीर के पहलगाम हमले के बीच यह एडवाइडजारी जारी की है। 26 अप्रैल, 2025 को जारी बयान में मंत्रालय ने कहा है कि हालात को देखते हुए देशहित में मीडिया चैनल लाइव कवरेज करते हुए सावधानी बरतें। एडवाइजरी में 8 निर्देश दिए गए हैं।

मंत्रालय ने कहा कि रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों के लाइव कवरेज से बचने के लिए सभी मीडिया चैनलों को एडवाइजरी जारी की गई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे अत्यंत जिम्मेदारी के साथ काम करें और रक्षा व अन्य सुरक्षा से संबंधित अभियानों की रिपोर्टिंग करते समय मौजूदा कानूनों और नियमों का सख्ती से पालन करें।

विशेष रूप से: रक्षा अभियानों या बलों की गतिविधियों से संबंधित किसी भी प्रकार का रियल-टाइम कवरेज, लाइव प्रसारण, या ‘सूत्रों पर आधारित’ जानकारी का प्रकाशन नहीं किया जाना चाहिए। संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा करने से शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है और इससे अभियानों की प्रभावशीलता और सुरक्षा बलों के कर्मियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

पिछले घटनाक्रमों ने जिम्मेदार रिपोर्टिंग के महत्व को रेखांकित किया है। कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमले (26/11), और कंधार अपहरण जैसी घटनाओं के दौरान, अनियंत्रित कवरेज का राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था।

मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और पर्सनल यूजर राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कानूनी दायित्वों के अलावा, यह हमारी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी भी है कि हम अपनी कार्रवाइयों से जारी अभियानों या सुरक्षा बलों की सुरक्षा से समझौता न करें।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पहले ही सभी टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(p) का पालन करने की सलाह दे चुका है। नियम 6(1)(p) कहता है कि, कोई भी कार्यक्रम केबल सेवा में प्रसारित नहीं किया जाएगा जिसमें किसी भी सुरक्षा बल द्वारा किए जा रहे किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान का लाइव कवरेज शामिल हो, जहां मीडिया कवरेज को केवल सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर ब्रीफिंग तक सीमित रखा जाएगा, जब तक कि ऐसा अभियान समाप्त नहीं हो जाता।

ऐसा प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का उल्लंघन है और इसके तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी है। इसलिए, सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का लाइव कवरेज न करें।

मीडिया कवरेज को सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर की गई ब्रीफिंग तक सीमित किया जा सकता है, जब तक कि अभियान समाप्त न हो जाए।
सभी हितधारकों से अनुरोध है कि वे सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग जारी रखें, और राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखें। यह आदेश मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से जारी किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.