संस्कृत व संस्कृति के संवर्द्धन को समर्पित रहा स्वामी शंभूदेव महाराज का जीवन- मदन कौशिक
उत्तरी हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित धार्मिक संस्था श्री जगदीश आश्रम में संस्था के परमाध्यक्ष महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री के संयोजन में ब्रह्मलीन स्वामी पं.शंभूदेव महाराज की 50वीं पुण्यतिथि श्रद्धाभाव के साथ आयोजित की गयी। तीन दिवसीय गुरुजन स्मृति समारोह की अध्यक्षता म.मं. स्वामी अनन्तानन्द महाराज व संचालन रविदेव शास्त्री ने किया। संत समाज ने स्वामी शंभू देव महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जगदीश आश्रम के महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री के प्रति मंगलकामनाएं प्रकट की।
पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विधायक मदन कौशिक ने कहा कि स्वामी पं.शंभूदेव महाराज का समूचा जीवन संस्कृत व संस्कृति के संवर्द्धन को समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि स्वामी पं. शंभूदेव महाराज की स्मृति को चिरस्थायी बनाने हेतु उनके शिष्य ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद महाराज ने उनकी स्मृति में स्वामी शम्भुदेव संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की। स्वामी शंभू देव महाराज संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान थे। उन्होंने संस्कृत के प्रचार-प्रसार में जो योगदान दिया, वह अविस्मरणीय रहेगा। उन्हांेने सदैव सनातन संस्कृति के उन्नयन हेतु कार्य किया।
अध्यक्षीय सम्बोधन में म.मं. स्वामी अनन्तानन्द महाराज ने कहा कि स्वामी पं.शंभूदेव महाराज व स्वामी शातानन्द शास्त्री जैसी विभूतियों ने इस संस्था को परोपकार व धार्मिक कार्यों के लिए सदैव समर्पित रखा। उनके सुयोग्य शिष्य स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री पूर्ण मनोभाव से सेवा प्रकल्पों का संचालन कर रहे हैं। स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज व म.मं. स्वामी ललितानन्द गिरी महाराज ने कहा कि अपने गुरुजनों की परम्परा पर चलते हुए स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री निरन्तर धार्मिक, सामाजिक गतिविधियों व सेवा प्रकल्पों का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने अपनी कुशल कार्यशैली से संस्था को ऊंचाईयों तक पहुंचाने का कार्य किया है। भाजपा नेता अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि श्री जगदीश आश्रम की धार्मिक परंपराओं व समाजहित के कार्य को आगे बढ़ाने का काम स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री महाराज निरन्तर कर रहे हैं। उन्होंने अपने गुरुदेव स्वामी शांतानंद महाराज के पदचिन्हों पर चलते हुए सेवा कार्यों की मिसाल कायम की है। वर्तमान में प्रतिदिन निराश्रित लोगों को भोजन वितरण करने का जो महान कार्य कर रहे हैं, वह जगदीश आश्रम की समाज सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य है। गुरुजन स्मृति समारोह में आए हुए श्रद्धालु भक्तों, संत समाज का स्वागत करते हुए जगदीश आश्रम के वर्तमान गद्दी नशीन महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री महाराज ने कहा कि गुरुदेव ने अपने जीवन काल में धर्म संस्कृति के प्रचार-प्रसार में जो कार्य किया है वह आने वाली पीढ़ी के लिए प्रकाश स्तम्भ बनकर उनका मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने स्वामी पं.शम्भुदेव महाराज व स्वामी शांतानंद शास्त्री महाराज के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सद्गुरुदेव स्वामी शांतानंद शास्त्री महाराज के जीवन काल में संस्था ने उत्तरोत्तर वृद्धि की है। मीरा चेतन आतिथेयम्, श्री स्वामी शंभु देव संस्कृत महाविद्यालय सहित हरियाणा, पंजाब में अनेकों संस्थाएं स्थापित की गई, जो धर्म सेवा का कार्य कर रही है। गुरुजनों द्वारा स्थापित उच्च परम्पराओं का वह सदैव निर्वाह करेंगे। इस अवसर पर महंत दुर्गादास, स्वामी आनन्द बल्लभ शास्त्री, महंत मोहन सिंह, स्वामी विवेकानन्द, आचार्य सूर्यदेव, महंत नित्यानन्द, स्वामी कमलानन्द, स्वामी धर्मदास, स्वामी रामानन्द, स्वामी कमल मुनि, स्वामी अमृतानन्द, महंत शुभम, महंत शिवम वशिष्ठ, स्वामी चिदविलासानन्द सरस्वती, महंत जमुनादास, महंत सुतीक्ष्ण मुनि, स्वामी केशवानन्द, संत हिमांशु, स्वामी ओमानन्द, स्वामी कृष्णदेव महाराज, महंत दिनेश दास, स्वामी प्रकाशानन्द महाराज, प्रहलाद दास, विदित शर्मा, पार्षद आकाश भाटी, व्यापारी नेता सुनील सेठी, तरुण नैय्यर डा.डी.एन. बत्रा, दीपांशु विद्यार्थी, सुखेन्द्र तोमर, हरपाल सिंह उप्पल, राहुल बंसल, राघव ठाकुर समेत ट्रस्टीगण व देश भर से आये हुए श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।
