उत्तराखंड के निवासी ने हरियाणा में अपने परिवार की हत्या कर खुद भी आत्महत्या का प्रयास किया। परिवार की हत्या को दुर्घटना का रूप देने का प्रयास किया।22 मार्च को हरियाणा के बहादुरगढ़ में आग लगने से चार लोगों की मृत्यु का समाचार प्रसारित हुआ था लेकिन यह दुर्घटना ना होकर एक व्यक्ति द्वारा अपने परिवार की हत्या किए जाने का मामला निकला।
दरअसल, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर का रहना वाला हरपाल हरियाणा के बहादुरगढ़ में अपने परिवार के साथ रहता है। हरपाल का बहादुरगढ़ में ही ट्रांसपोर्ट का काम है। शनिवार 22 मार्च को हरपाल के घर में अचानक से एक के बाद एक दो ब्लास्ट हुए। इसके बाद घर में आग भी लग गई. आसपास पड़ोस के लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को मामले की सूचना दी। हालांकि उससे पहले पड़ोसियों ने घर का दरवाजा तोड़कर किसी तरह हरपाल को बाहर निकाल लिया था। इसी बीच पुलिस और फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंच गई थी।
हरियाणा पुलिस ने मामले का खुलासा किया
फायर ब्रिगेड ने किसी तरह आग पर काबू पाया।फायर ब्रिगेड कर्मियों को घर के अंदर से चार लोगों की लाशे मिली, जो हरपाल की पत्नी और उसके तीन बच्चों की थी।
पुलिस ने मामले की छानबीन की तो घर के एसी में आग लगी पाई गई।
मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस ने मौके का मुआयना किया। मौके पर बैलेस्टिक व फॉरेंसिक टीम के साथ मिलकर गहनता से जांच की गई। धमाके व मकान के अंदर बने हालातों सहित कई पहलुओं को देखते हुए पुलिस को मामले में कुछ और शंका थी। जैसे ही कमरे खंगाले तो तस्वीर साफ होने लगी। जांच के दौरान एक बोतल में पेट्रोल तथा कमरे से सुसाइड नोट बरामद हुआ। जब पुलिस ने वह नोट पढ़ा तो पूरा मामला साफ हो गया।
सामने आया कि यह कोई हादसा नहीं था बल्कि हरपाल ने खुद ही पूरी साजिश रची थी। उसी ने पहले अपने बीवी बच्चों की हत्या की और उन्हें आग के हवाले किया। बाद में खुद भी मरने की कोशिश की। आग लगने के बाद ही एसी की इंटरनल यूनिट में ब्लास्ट होने की बात सामने आई है। हरपाल मूलत: उत्तराखंड के रुद्रपुर से है। पेशे से ट्रांसपोर्टर है।
इस मामले का खुलासा करते हुए
डीसीपी मयंक मिश्रा ने बताया कि हरपाल ने ही अपनी पत्नी और तीन बच्चों को मारा है।इसके बाद उनसे खुद भी जान देने की कोशिश की। पुलिस को हरपाल का आत्महत्या से जुड़ा एक नोट भी मिला है। पुलिस ने अनुसार हरपाल ट्रांसपोर्ट का काम करना था। हरपाल का अपनी बहन और जीजा के साथ भी प्रॉपर्टी को लेकर विवाद भी चल रहा था. इसी वजह से वो पिछले काफी समय से परेशान था।
डीसीपी मयंक मिश्रा के अनुसार हरपाल ने पहले अपने परिवार के सभी सदस्यों को नींद की गोली देकर सुलाया और फिर उन पर तेज धारदार हथियार से हमला कर पूरे परिवार को मार दिया उसके बाद हरपाल ने पेट्रोल छिड़कर घर में आग लगा दी।आग की लपटों में हरपाल भी झुलस गया था।
पुलिस ने बताया कि हरपाल का उपचार पीजीआई चंडीगढ़ में चल रहा था, जहां से डिस्चार्ज होने के बाद वो भाग गया था। हालांकि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. मरने वालों में हरपाल की दो बेटे जसकीरत और सुखविंदर सिंह, बेटी चहर और पत्नी संदीप कौर है।
पुलिस का कहना है कि हरपाल का कई और लोगों से भी पैसों को लेकर विवाद चल रहा था।अगर इस घटना के पीछे किसी और का भी हाथ सामने आया था, तो पुलिस उससे भी पूछताछ करेगी।