उत्तराखंड में डोमोग्राफी में बदलाव स्थिति चुनाव में बड़ा मुद्दा बन रहा है,हरिद्वार से खुद को भाजपा से जुड़ा बताने वाला नेता के भी डेमोग्राफी बदलाव की साजिश में शामिल होने की चर्चा है।
जिस तरह से पिछले दिनों उत्तरकाशी , रुद्रप्रयाग में डेमोग्राफी बदलाव को लेकर बवाल चलता रहा उससे भाजपा इसे चुनावी मुद्दा बना सकती है। मगर इसके लिए कुछ हद तक भाजपा से ही जुड़े कुछ लोग अपने स्वार्थो के चलते राज्य में सुदूर पर्वतीय इलाकों तक विशेष समुदाय के लोगो को बसाने में लगे हुए है जिससे ना केवल राज्य में डेमोग्राफीक बदलाव हो रहा है बल्कि इससे राज्य की शांति भी भंग हो रही है।
उत्तराखंड मे तेजी के साथ डेमोग्राफी मे बदलाव होता जा रहा है। सुदूर पर्वतोय शहरों मे समुदाय विशेष के लोग बड़ी संख्या मे बसते जा रहे है। इसके लिए राज्य मे पलायन तो एक कारण है ही, साथ ही कुछ बेहद स्वार्थी लोग भी इसकी एक बड़ी वज़ह है जो अपने फायदे के लिए समुदाय विशेष के लोगो को काम के नाम पर मजदूरों के रूप पहाड़ो पर ले जा रहे है और फिर ये लोग धीरे धीरे वही पर बस जा रहे है।
हरिद्वार में भाजपा से जुडा एक नेता भी इसमें अपनी बड़ी भूमिका निभा रहा है। कहा जा रहा है कि हरिद्वार का यह नेता अपने बिजली विभाग में ठेकेदारी के काम के लिए मैदानी क्षेत्रों से समुदाय विशेष के लोगो को ही मजदूर के रूप मे ऊपर ले जाता है। कई बार नगर पालिका और निगम में सभासद व पार्षद पद पर चुनाव लड़ चुके इस नेता के चमोली और पौड़ी जिले में करोड़ो रुपये के ठेके चल रहे है, जिनमे इसने लेबर के रूप में डेढ़ सौ से ज्यादा समुदाय विशेष के मजदूरों को वहां पर काम पर लगाया हुआ है। ये सभी मैदानी इलाकों से गए है. जो वंहा पर लेबर का काम करने के साथ साथ डेमोग्राफी बदलाव की साजिश भी रच रहे है। जानकरी तो यह भी है की पिछले दिनों उत्तराकाशी मे बवाल मे शामिल जिस समुदाय विशेष के एक व्यक्ति का नाम सामने आया था उसका भाई भी इन मजदूरों मे शामिल था जिसे लेकर भाजपा का यह नेता पहाड़ चढ़ा था. जानकारी मिली है डेढ़ सौ से ज़्यदा समुदाय विशेष की लेबर लेकर जाने की ख़ुफ़िया जानकारी के बाद प्रशासन इसकी जांच करवा रह है और बताया तो यह भी जा रहा ही कि इस भाजपा नेता ठेकेदार के चल रहे कामो
पर भी फिलहाल रोक लगाई है.
भाजपा की धामी सरकार वैसे भी राज्य मे डेमोग्राफीक बदलाव को लेकर काफी गंभीर है
भाजपा का यह नेता तीन चार बार स्थानीय निकाय के चुनाव भाजपा के टिकट पर और एक बार निर्दलीय भी लड़ चुका है। उसकी हरकतों के चलते भाजपा ने उससे किनारा करना ही बेहतर समझा। जानकरी मिली है कि भाजपा संगठन ने उसे टिकट के लिए साफ साफ मना कर दिया था। राज्य मे भाजपा की धामी सरकार डेमोग्राफी बदलाव को लेकर काफी गंभीर है मगर छूटभइये लोग पैसो के लालच में अपने स्वार्थो के चलते राज्य के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी करने की कोशिश कर रहे है.।