आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार के तत्वाधान में बी०एच०ई०एल० की महिला कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडन के विरूद्ध एक सेमिनार का आयोजन मानव संसाधन विकास केन्द्र के भेल सभागार में किया गया जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव/वरिष्ठ सिविल जज श्रीमती सिमरनजीत कौर द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडन एक्ट के विशय में जानकारी देते हुए बताया कि विशाखा गाइडलाईन जारी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह अधिकार लागू किया गया जिसके तहत प्रत्येक विभाग संगठन इत्यादि हेतु एक आई०सी०सी० आंतरिक शिकायत जांच समिति का गठन होना अनिवार्य एवं आवश्यक है तथा जनपद स्तर पर स्थानीय शिकायत समिति का गठन होता है जो किसी भी कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीडन की शिकायत पर जांच करताी है एवं आवश्यक कार्यवाही की जाताी है जांच के दौरान जांच से सम्बन्धित पीड़िता इत्यादी की खबर को गोपनीय रखा जाता है और इसका प्रकाषन हो जाने पर 50 हजार रूप्ये जुर्माने का प्रावधान है। इसके साथ ही सचिव महोदय द्वारा महिलाओं को ऑनलाईन ठगी सतर्क रहने हेतु कहा गया तथा साईबर अपराध, पोक्सो एक्ट, घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम की जानकारी प्रदान की गयी तथा डा० हेमन्त द्वारा एच०आई०वी० के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गयी एवं माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल द्वारा प्राप्त सरल कानूनी ज्ञान पुस्तिकाओं का वितरण किया गया।