जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था की धारा 143 की घोषणा के उपरान्त नामान्तरण की कार्यवाही सुनिश्चित करें , 2017 से लंबित है हजारों मामले- जिला अधिकारी

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हरिद्वार के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने अवगत कराया है कि इधर संज्ञान में आया है कि वर्ष 2017 से जनपद में अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की भूमि का जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 143 के अन्तर्गत अकृषिक घोषित किये जाने के उपरान्त भी नामान्तरण नहीं किया जा रहा है, जिससे नियम होते हुये भी हजारों की संख्या में वर्ष 2017 से प्रकरण लम्बित हैं। उन्होंने बताया कि जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 143 की घोषणा हो जाने के उपरान्त जमींदारी विनाश अधिनियम के अध्याय 08 के प्राविधान प्रभावी नहीं रहते हैं, जबकि नामन्तरण भू-राजस्व अधिनियम के प्राविधानों के अनुसार किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस सम्बन्ध में किसी मा० न्यायालय अथवा प्रशासनिक आदेश द्वारा रोक लगाया जाना भी प्रकाश में नहीं आया है, जिससे जनसाधारण को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त उप जिलाधिकारी/तहसीलदार को निर्देशित किया है कि जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 143 की घोषणा के उपरान्त भी प्रश्नगत भूमि के सम्बन्ध में नियमानुसार नामान्तरण की कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें तथा ऐसे जितने प्रकरण विचाराधीन है, की सूचना एक सप्ताह के अन्तर्गत उन्हें उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा प्रत्येक 15 दिन के उपरान्त ऐसे प्रकरणों की समीक्षा भी की जायेगी।
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