स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी, जॉली ग्रांट(देहरादून) में 16 और 17 नवंबर को दो दिवसीय स्पिरिचुअल न्यूरोसाइंस पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें पुरातन भारतीय ज्ञान विज्ञान और वर्तमान न्यूरोसाइंस में प्रमाणिकता के विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे । देश और दुनिया से 200 से अधिक न्यूरो विशषज्ञ
तथा अध्यात्म से जुड़ी हुई हस्तियां एक साथ एक मंच पर एकत्र होंगी । देश में पहली बार इस तरह की कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है जिसमें भारतीय पुरातन ज्ञान और आधुनिक मेडिकल साइंस का अनूठा संगम होगा।
कॉन्फ्रेंस में प्रमुख वक्ता के रूप में प्रोफेसर बीएन गंगाधर, पूर्व अध्यक्ष, निमहंस बेंगलुरू एवं अध्यक्ष नेशनल मेडिकल कमिशन नई दिल्ली, डॉ स्वामी दयाधीपानंद रामकृष्ण मिशन मुंबई, प्रोफेसर मंजरी त्रिपाठी, हेड न्यूरोलॉजी एआईआईएमएस न्यू दिल्ली प्रोफेसर जॉन क्लर्क अमेरिका से, प्रोफेसर प्रकाश केशवैया, डॉ पी एन रविंद्र, डॉ बिन्नी सरीन, डॉक्टर प्रसन्ना देशपांडे, डॉ राजेश के मानिक आदि रहेंगे।
स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के न्यूरोलॉजी विभाग (तंत्रिका विज्ञान) के अध्यक्ष न्यूरोलॉजी के जाने माने न्यूरो फिजिशियन डॉक्टर दीपक गोयल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कि इस सम्मेलन में साइको न्यूरो इम्यूनोलॉजी, मेडिकल एस्ट्रोलॉजी, चंद्रमा और सूर्य का मन और मानसिक रोगों पर प्रभाव, ऐसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर जो आम आदमी से जुड़े हैं उन पर व्याख्यान होंगे। भारतीय चिकित्सा पद्धति जिसमें योग, ध्यान, योग निद्रा द्वारा किस तरह ब्रेन के सर्किट पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकता है, इन सब पर वैज्ञानिक तथ्यों और डाटा के साथ में विशेषज्ञ अपना वक्तव्य देंगे। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय न्यूरो कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश से 200 से ज्यादा न्यूरो विशेषज्ञ भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में चार सत्र होंगे। कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन कल शनिवार 16 नवंबर की सुबह 11:00 बजे मुख्य अतिथि स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना करेंगे। डॉक्टर एम श्रीनिवास डायरेक्टर एम्स दिल्ली, डॉ मीनू सिंह डायरेक्टर एआईआईएमएस ऋषिकेश भी उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन समारोह विश्वविद्यालय के परिसर में तथा समापन समारोह ऋषिकेश में साधक ग्राम आश्रम में होगा।
आयोजन अध्यक्ष की भूमिका में रामकृष्ण मिशन मुंबई के स्वामी दयाधीपानंद का विशेष सत्र रहेगा जो सार्वभौमिक योग से चिकित्सा पर वक्तव्य देंगे। डॉ गोयल ने कहा कि वह खुद भी मेडिकल एस्ट्रोलॉजी का 3 वर्ष से गहन अध्ययन कर रहे हैं और एक एलोपैथिक डॉक्टर होते हुए भी उनको रोगी को मानसिक व्याधियों में चिकित्सीय लाभ देने में ज्योतिष का अध्ययन काफी लाभदायक हो रहा है। वह संभावना बता सकते हैं कि किस तरह की चुनौतियां और किस आयु में एपिलेप्सीअ मरीज को आएंगी ताकि उनका सही समय पर सही तरीके से निदान हो सके।
बहुत से रोचक तथ्य जो हमारे पुराने और वेदों में दिए गए हैं जैसे शिवलिंग का स्वरूप, त्रिगुणात्मक प्रकृति, इन सब का वैज्ञानिक आधार, आत्मा का सत चित् आनंद स्वरूप, प्रति व्यक्ति 7 घंटे की निद्रा क्यों आवश्यक है इन विषयों पर देश-विदेश से डॉक्टर क्लीनीसियन वैज्ञानिक शोधकर्ता अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। यह कॉन्फ्रेंस यूरो क्षेत्र से जुड़े युवा वैज्ञानिकों तथा आम युवाओं के लिए लाभकारी होगा।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ दीपक गोयल ने बताया कि पहले सत्र में चेतन मन, दूसरे सत्र में योग ध्यान का दिमाग पर प्रभाव तीसरे सत्र में पूर्व और पश्चिम की संस्कृति का मानव जीवन में प्रभाव अंतिम चौथे सत्र में मेडिकल एस्ट्रोलॉजी विषय पर मंथन किया जाएगा।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय की आयोजक टीम में डॉक्टर अश्वनी भट्ट, डॉ मनीष मित्तल, डॉ निक्कू यादव ,डॉ रंजीत कुमार, डॉ अविनाश, डॉ बृजेश तिवारी, डॉ संजय पांडे एवं अन्य मौजूद रहे।
इस सम्मेलन में पुरातन भारतीय ज्ञान विज्ञान और वर्तमान न्यूरोसाइंस में प्रमाणिकता के विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे
देश में पहली बार इस तरह की कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है जिसमें भारतीय पुरातन ज्ञान और आधुनिक मेडिकल साइंस का अनूठा संगम होगा।
कॉन्फ्रेंस में प्रमुख वक्ता के रूप में प्रोफेसर बीएन गंगाधर अध्यक्ष निमहंस बेंगलुरू, डॉ स्वामी दयाधीपानंद रामकृष्ण मिशन मुंबई, प्रोफेसर मंजरी त्रिपाठी, हेड न्यूरोलॉजी एआईआईएमएस न्यू दिल्ली प्रोफेसर जॉन क्लर्क अमेरिका से, प्रोफेसर प्रकाश केशवैया, डॉ पी एन रविंद्र, डॉ बिन्नी सरीन, डॉक्टर प्रसन्ना देशपांडे, डॉ राजेश के मानिक आदि रहेंगे।
स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित
हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के न्यूरोलॉजी विभाग (तंत्रिका विज्ञान) के अध्यक्ष न्यूरोलॉजी के जाने माने न्यूरो फिजिशियन डॉक्टर दीपक गोयल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कि इस सम्मेलन में साइको न्यूरो इम्यूनोलॉजी, मेडिकल एस्ट्रोलॉजी, चंद्रमा और सूर्य का मन और मानसिक रोगों पर प्रभाव, ऐसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर जो आम आदमी से जुड़े हैं उन पर व्याख्यान होंगे। भारतीय चिकित्सा पद्धति जिसमें योग, ध्यान, योग निद्रा द्वारा किस तरह ब्रेन के सर्किट पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकता है, इन सब पर वैज्ञानिक तथ्यों और डाटा के साथ में विशेषज्ञ अपना वक्तव्य देंगे। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय न्यूरो कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश से 200 से ज्यादा न्यूरो विशेषज्ञ भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में चार सत्र होंगे। कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन कल शनिवार 16 नवंबर की सुबह 11:00 बजे मुख्य अतिथि स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना करेंगे। डॉक्टर एम श्रीनिवास डायरेक्टर एम्स दिल्ली, डॉ मीनू सिंह डायरेक्टर एआईआईएमएस ऋषिकेश भी उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन समारोह विश्वविद्यालय के परिसर में तथा समापन समारोह ऋषिकेश में साधक ग्राम आश्रम में होगा।
आयोजन अध्यक्ष की भूमिका में रामकृष्ण मिशन मुंबई के स्वामी दयाधीपानंद का विशेष सत्र रहेगा जो सार्वभौमिक योग से चिकित्सा पर वक्तव्य देंगे। डॉ गोयल ने कहा कि वह खुद भी मेडिकल एस्ट्रोलॉजी का 3 वर्ष से गहन अध्ययन कर रहे हैं और एक एलोपैथिक डॉक्टर होते हुए भी उनको रोगी को मानसिक व्याधियों में चिकित्सीय लाभ देने में ज्योतिष का अध्ययन काफी लाभदायक हो रहा है। वह संभावना बता सकते हैं की किस तरह की चुनौतियां और किस आयु में एपिलेप्सी के मरीज को आएंगी ताकि उनका सही समय पर सही तरीके से निदान हो सके।
बहुत से रोचक तथ्य जो हमारे पुराने और वेदों में दिए गए हैं जैसे शिवलिंग का स्वरूप, त्रिगुणात्मक प्रकृति, इन सब का वैज्ञानिक आधार, आत्मा का सत चित् आनंद स्वरूप, प्रति व्यक्ति 7 घंटे की निद्रा क्यों आवश्यक है इन विषयों पर देश-विदेश से डॉक्टर क्लीनीसियन वैज्ञानिक शोधकर्ता अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। यह कॉन्फ्रेंस यूरो क्षेत्र से जुड़े युवा वैज्ञानिकों तथा आम युवाओं के लिए लाभकारी होगा।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ दीपक गोयल ने बताया कि पहले सत्र में चेतन मन, दूसरे सत्र में योग ध्यान का दिमाग पर प्रभाव तीसरे सत्र में पूर्व और पश्चिम की संस्कृति का मानव जीवन में प्रभाव अंतिम चौथे सत्र में मेडिकल एस्ट्रोलॉजी विषय पर मंथन किया जाएगा।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय की आयोजक टीम में डॉक्टर अश्वनी भट्ट, डॉ मनीष मित्तल, डॉ निक्कू यादव ,डॉ रंजीत कुमार, डॉ अविनाश, डॉ बृजेश तिवारी, डॉ संजय पांडे एवं अन्य मौजूद रहे।
दो दिवसीय स्पिरिचुअल न्यूरोसाइंस पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अंतर्गत
इस सम्मेलन में पुरातन भारतीय ज्ञान विज्ञान और वर्तमान न्यूरोसाइंस में प्रमाणिकता के विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे
देश में पहली बार इस तरह की कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है जिसमें भारतीय पुरातन ज्ञान और आधुनिक मेडिकल साइंस का अनूठा संगम होगा।
कॉन्फ्रेंस में प्रमुख वक्ता के रूप में प्रोफेसर बीएन गंगाधर अध्यक्ष निमहंस बेंगलुरू, डॉ स्वामी दयाधीपानंद रामकृष्ण मिशन मुंबई, प्रोफेसर मंजरी त्रिपाठी, हेड न्यूरोलॉजी एआईआईएमएस न्यू दिल्ली प्रोफेसर जॉन क्लर्क अमेरिका से, प्रोफेसर प्रकाश केशवैया, डॉ पी एन रविंद्र, डॉ बिन्नी सरीन, डॉक्टर प्रसन्ना देशपांडे, डॉ राजेश के मानिक आदि रहेंगे।
स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित
हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के न्यूरोलॉजी विभाग (तंत्रिका विज्ञान) के अध्यक्ष न्यूरोलॉजी के जाने माने न्यूरो फिजिशियन डॉक्टर दीपक गोयल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कि इस सम्मेलन में साइको न्यूरो इम्यूनोलॉजी, मेडिकल एस्ट्रोलॉजी, चंद्रमा और सूर्य का मन और मानसिक रोगों पर प्रभाव, ऐसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर जो आम आदमी से जुड़े हैं उन पर व्याख्यान होंगे। भारतीय चिकित्सा पद्धति जिसमें योग, ध्यान, योग निद्रा द्वारा किस तरह ब्रेन के सर्किट पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकता है, इन सब पर वैज्ञानिक तथ्यों और डाटा के साथ में विशेषज्ञ अपना वक्तव्य देंगे। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय न्यूरो कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश से 200 से ज्यादा न्यूरो विशेषज्ञ भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में चार सत्र होंगे। कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन कल शनिवार 16 नवंबर की सुबह 11:00 बजे मुख्य अतिथि स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना करेंगे। डॉक्टर एम श्रीनिवास डायरेक्टर एम्स दिल्ली, डॉ मीनू सिंह डायरेक्टर एआईआईएमएस ऋषिकेश भी उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन समारोह विश्वविद्यालय के परिसर में तथा समापन समारोह ऋषिकेश में साधक ग्राम आश्रम में होगा।
आयोजन अध्यक्ष की भूमिका में रामकृष्ण मिशन मुंबई के स्वामी दयाधीपानंद का विशेष सत्र रहेगा जो सार्वभौमिक योग से चिकित्सा पर वक्तव्य देंगे। डॉ गोयल ने कहा कि वह खुद भी मेडिकल एस्ट्रोलॉजी का 3 वर्ष से गहन अध्ययन कर रहे हैं और एक एलोपैथिक डॉक्टर होते हुए भी उनको रोगी को मानसिक व्याधियों में चिकित्सीय लाभ देने में ज्योतिष का अध्ययन काफी लाभदायक हो रहा है। वह संभावना बता सकते हैं की किस तरह की चुनौतियां और किस आयु में एपिलेप्सी के मरीज को आएंगी ताकि उनका सही समय पर सही तरीके से निदान हो सके।
बहुत से रोचक तथ्य जो हमारे पुराने और वेदों में दिए गए हैं जैसे शिवलिंग का स्वरूप, त्रिगुणात्मक प्रकृति, इन सब का वैज्ञानिक आधार, आत्मा का सत चित् आनंद स्वरूप, प्रति व्यक्ति 7 घंटे की निद्रा क्यों आवश्यक है इन विषयों पर देश-विदेश से डॉक्टर क्लीनीसियन वैज्ञानिक शोधकर्ता अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। यह कॉन्फ्रेंस यूरो क्षेत्र से जुड़े युवा वैज्ञानिकों तथा आम युवाओं के लिए लाभकारी होगा।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ दीपक गोयल ने बताया कि पहले सत्र में चेतन मन, दूसरे सत्र में योग ध्यान का दिमाग पर प्रभाव तीसरे सत्र में पूर्व और पश्चिम की संस्कृति का मानव जीवन में प्रभाव अंतिम चौथे सत्र में मेडिकल एस्ट्रोलॉजी विषय पर मंथन किया जाएगा।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय की आयोजक टीम में डॉक्टर अश्वनी भट्ट, डॉ मनीष मित्तल, डॉ निक्कू यादव ,डॉ रंजीत कुमार, डॉ अविनाश, डॉ बृजेश तिवारी, डॉ संजय पांडे एवं अन्य मौजूद रहे।