विधि विधान से बंद हुए गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट कपाट ।बंद होने से पूर्व की गई अंतिम अरदास करीब 1:00 बजे शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए श्री हेमकुंडसाहिब के कपाट।
बंद होने की प्रक्रिया के दौरान सबसे पहले सुबह सुखमनी साहिब का पाठ प्रारंभ हुआ। इसके बाद शब्द गायन करने के उपरांत वर्ष की अंतिम अरदास की गई। इसी बीच मुखवाक हुक्मनामा पढ़ने के बाद पंच प्यारों की अगुवाई में सेना के बैंड की धुनों में गुरु ग्रंथ साहिब को दरबार साहब से सचखंड में लाया गया।
इसके चलते निश्चित समय पर गुरुद्वारे के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान हेमकुंड क्षेत्र में हल्की बर्फबारी शुरू हो गई थी। लेकिन आसमान से गिरती हल्की बर्फबारी के बीच भी सिख यात्रियों के जोश में कोई कमी नहीं दिखी। वहीं पूरा हेमकुंड क्षेत्र “जो बोले सो निहाल,सत श्री काल” के जयकारों से गुंजायमान रहा।
हजारों श्रद्धालु बने साक्षी। गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने यात्रा समापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित चमोली के जिला अधिकारी पुलिस अधिकारीयों का धन्यवाद अदा किया
बता दें कि इस वर्ष 25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुले थे। इस दौरान वर्ष में एक लाख अस्सी हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने हेमकुंड साहिब के दर्शन किए। इसके साथ वही स्थित श्री लक्ष्मण मंदिर के भी कपाट बंद हो गए।