हिंदूओं की रक्षा के लिए बांग्लादेश कूच करने से भी पीछे नहीं हटेंगे नागा सन्यासी -श्रीमहंत रविंद्रपुरी

राष्ट्रीय समस्या हरिद्वार
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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का कड़ा विरोध करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन से हस्तक्षेप करने की मांग की है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े में पत्रकारों को जानकारी देते हुए अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि विश्व में जहां भी हिंदु रहते हैं उनकी सुरक्षा होनी चाहिए। बांग्लादेश में जो हालत हो रहे हैं उस पर सरकार को ठोस निर्णय लेना चाहिए। हिंदू धर्म कभी भी हिंसा के पक्ष में नहीं रहा। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अराजक तत्व हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। हिंदु मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। हिंदुओं की संपत्ति को जलाया जा रहा है। हिंदू महिलाओं पर भी अत्याचार किए जा रहे हैं। अत्याचारों से त्रस्त हिंदू पलायन को मजबूर हो रहे हैं। जो कि बेहद चिंतनीय है। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर तमाम मानवाधिकार संगठन और सभी देश चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन अखाड़ा परिषद और संत समाज चुप नहीं रहेगा। अखाड़ों और संतों ने हमेशा धर्म की रक्षा है। आवश्यकता हुई तो हिंदू हितों की रक्षा के लिए नागा सन्यासी बांग्लादेश कूच करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के हिंदूओं की रक्षा के लिए केंद्र सरकार को भी प्रभावी कदम उठाने चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद् को भी बांग्लादेश के हिंदुओं के हितों के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अखिल भारतीय अखाड़ परिषद की और से अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद् को ज्ञापन भी भेजा जाएगा। जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म ने हमेशा मानवता की सीख दी है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का पूरे हिंदू समाज को एकजुट होकर जवाब देना होगा। संत बांग्लादेश के हिंदुओं की रक्षा के लिए तत्पर हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि बांग्लादेश के सभी हिंदुओं को भारत बुलाना चाहिए। साथ ही भारत में रह रहे गैर हिंदुओं को चिन्हित कर वापस भेजना चाहिए। केंद्र सरकार को इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी उठाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार बत्रा के द्वारा किया गया।
इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, श्रीमहंत महेश पुरी, महंत महाकाल गिरी, महंत हीरा भारती, महंत अमृतपुरी, प्रोफेसर सुनील कुमार बत्रा सहित कई संत महंत एवं गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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