सनातन ज्ञान पीठ शिव मंदिर सेक्टर 1 में चल रही ग्यारह दिवस की कथा के दसवे दिवस की श्री शिवमहापुराण कथा में कथा व्यास महंत श्री प्रदीप गोस्वामी जी महाराज जी ने सब भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि
ज्योतिर्लिंग स्वरूप में भगवान भवानी शंकर स्वयं जगत के कल्याण के लिए पृथ्वी पर रूप रख कर आये है।यूं तो निराकार भगवान का दर्शन पाना लगभग असंभव प्रतीत होता है किंतु समस्त जगत भगवान शिव की संतति है इस कारण भगवान ने सभी जीवो पर कृपा करने के लिए ज्योतिर्लिंग स्वरूप धारण किया। महाराज श्री ने कहा कि ज्योतिपुंज तोजोमय् भगवान शिव की यदि कृपा प्राप्त करनी हो तो भारतवर्ष में भगवान के द्वादश ज्योतिर्लिंग में किसी भी स्वरूप का दर्शन एवं अर्चन मनुष्य को अवश्य करना चाहिए कथा में महाराज श्री ने शिव के अन्य स्वरूपों का वर्णन करते हुए बताया भगवान शिव पंचमुख धारण कर समस्त शरीर में पांच तत्वों के द्वारा नित्य रहते हैं इसी कारण सृष्टि के कण-कण में शंकर विद्यमान है ऐसा संत जन कहते हैं भगवान के ज्योतिर्लिंगों की कथा महाराज जी ने बड़े विस्तार पूर्वक सुनाई एवं प्रत्येक ज्योतिर्लिंग के पूजन की विधि मंत्रो सहित एवं उस् पूजन की फल् श्रुति महाराज जी ने बड़े विस्तारपूर्वक बतायी ।कई जटिल समस्याओं एवं रोगों के निवारण हेतु शिवाचन् विधि एवं निषेध का वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक आधार महाराज श्री ने सभी भक्तों के मध्य उपस्थित किया इस प्रकार कथा श्रोता कथा श्रवण कर स्वयं प्रसन्न चित् मन् से शिव भक्ति से सराबोर हुए ।महाराज श्री के द्वारा प्रवचन श्रवण करते हुए कई शिव भक्त युवा भक्तों ने शिवाचरन् विधि विषयक अनेक प्रश्न रखें एवं महाराज जी ने सहज भाव से सभी भक्तों का मान रखा एवं विधि निषेध का वर्णन किया।
कथा में मंदिर सचिव ब्रिजेश शर्मा और कथा के यजमान विनीत तिवारी पत्नि दीप्ती तिवारी पुत्र सानिध्य तिवारी,राकेश मालवीय,तेजप्रकाश,दिलीप गुप्ता, आदित्य गहलोत,दिनेश उपाध्याय,अनिल चौहान,विष्णु समाधिया,मान दाता,हरिनारायण त्रिपाठी,सुनील चौहान,होशियार सिंह,राम ललित गुप्ता,एल डी मेहता,मोहित तिवारी,अलका शर्मा,पुष्पा गुप्ता,नीलू त्रिपाठी,सबिता,नीरु गौतम,सुनीता चौहान,पूनम,संतोष चौहान,गीता बहुगुणा मंजू,रेनू,मनसा मिश्रा,,विनीता,सरला, अंजू पंत,नीता सिंगल राजकिशोरी मिश्रा,विभा गौतम,कुसुम गेरा,संगीता मेहतो,विनोददेवी,
अनपूर्णा मिश्रा,उमा राणा,विनीता देव,बबिता,कौशल्या,मिनाक्षी और अनेको श्रोतागण सम्मिलित हुए ।