हरिद्वार।
आज नौ दिवसीय संगीतमय राम कथा को विश्राम देते हुए स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि उन्होंने संकल्प लिया था कि अयोध्या में प्रभु राम का दिव्य और भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा और उसमें श्री राम लला विराजमान हो जाएंगे तब वह गंगा के पावन तट पर भगवान श्री प्रभुराम के चांदी के विग्रह का अभिषेक करेंगे। और अपने इस संकल्प को उन्होंने गंगा के पावन तट पर स्थित राजघाट कनखल में शिव के ससुराल में पूरा किया और कथा के विश्राम के दिन तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने भगवान प्रभु राम के चांदी के बने हुए विग्रह का वैदिक विधि विधान के साथ अभिषेक किया।
भावुक होते हुए तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि हे प्रभु राम आपसे आज आपका यह भक्त इस विग्रह के अभिषेक के समय दक्षिणा में पाक अधिकृत कश्मीर को मांग रहा है। जिस दिन पाक अधिकृत कश्मीर भारत में मिल जाएगा उस दिन वह फिर से गंगा के इस पवित्र पावन तट पर आकर आपके विग्रह का फिर से अभिषेक करेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य ने यह संकल्प गंगा दशहरे की पूर्व संध्या में लिया।
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कल गंगा दशहरा के दिन स्वामी रामभद्राचार्य के रामानंदाचार्य पद पर विराजमान होने की 37 वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी
कई उच्च कोटि के संत भाग लेंगे
आज नौ दिवसीय संगीतमय राम कथा को विश्राम देते हुए स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि उन्होंने संकल्प लिया था कि अयोध्या में प्रभु राम का दिव्य और भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा और उसमें श्री राम लला विराजमान हो जाएंगे तब वह गंगा के पावन तट पर भगवान श्री प्रभुराम के चांदी के विग्रह का अभिषेक करेंगे। और अपने इस संकल्प को उन्होंने गंगा के पावन तट पर स्थित राजघाट कनखल में शिव के ससुराल में पूरा किया और कथा के विश्राम के दिन तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने भगवान प्रभु राम के चांदी के बने हुए विग्रह का वैदिक विधि विधान के साथ अभिषेक किया।
भावुक होते हुए तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि हे प्रभु राम आपसे आज आपका यह भक्त इस विग्रह के अभिषेक के समय दक्षिणा में पाक अधिकृत कश्मीर को मांग रहा है। जिस दिन पाक अधिकृत कश्मीर भारत में मिल जाएगा उस दिन वह फिर से गंगा के इस पवित्र पावन तट पर आकर आपके विग्रह का फिर से अभिषेक करेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य ने यह संकल्प गंगा दशहरे की पूर्व संध्या में लिया।
आज नौ दिवसीय संगीतमय राम कथा को विश्राम देते हुए स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि उन्होंने संकल्प लिया था कि अयोध्या में प्रभु राम का दिव्य और भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा और उसमें श्री राम लला विराजमान हो जाएंगे तब वह गंगा के पावन तट पर भगवान श्री प्रभुराम के चांदी के विग्रह का अभिषेक करेंगे। और अपने इस संकल्प को उन्होंने गंगा के पावन तट पर स्थित राजघाट कनखल में शिव के ससुराल में पूरा किया और कथा के विश्राम के दिन तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने भगवान प्रभु राम के चांदी के बने हुए विग्रह का वैदिक विधि विधान के साथ अभिषेक किया।
भावुक होते हुए तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि हे प्रभु राम आपसे आज आपका यह भक्त इस विग्रह के अभिषेक के समय दक्षिणा में पाक अधिकृत कश्मीर को मांग रहा है। जिस दिन पाक अधिकृत कश्मीर भारत में मिल जाएगा उस दिन वह फिर से गंगा के इस पवित्र पावन तट पर आकर आपके विग्रह का फिर से अभिषेक करेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य ने यह संकल्प गंगा दशहरे की पूर्व संध्या में लिया
कल गंगा दशहरा के दिन स्वामी रामभद्राचार्य के रामानंदाचार्य पद पर विराजमान होने की 37 वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी
कई उच्च कोटि के संत भाग लेंगे
हरिद्वार।
कल गंगा दशहरे पर तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज के रामानंदाचार्य पद पर विराजमान होने की 37 वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक भव्य आयोजन राजघाट कनखल में गंगा तट पर आयोजित किया जाएगा। जिसमें देश के जाने-माने संत स्वामी रामदेव, जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, स्वामी चिदानंद मुनि, अनूप पीठ वृंदावन के महंत राजेंद्र देवाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद महाराज, महामंडलेश्वर रघुवंश पुरी, प्रतिभा शुक्ला, सभी 13 अखाड़ों के श्री महंत आचार्य, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश अग्रवाल पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ महावीर अग्रवाल एवं अन्य विद्वान भाग लेंगे। यह कार्यक्रम शाम 4:00 बजे से शुरू होगा और इसके समापन में प्रसाद वितरण होगा।
कई उच्च कोटि के संत भाग लेंगे
कल गंगा दशहरे पर तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज के रामानंदाचार्य पद पर विराजमान होने की 37 वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक भव्य आयोजन राजघाट कनखल में गंगा तट पर आयोजित किया जाएगा। जिसमें देश के जाने-माने संत स्वामी रामदेव, जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, स्वामी चिदानंद मुनि, अनूप पीठ वृंदावन के महंत राजेंद्र देवाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद महाराज, महामंडलेश्वर रघुवंश पुरी, प्रतिभा शुक्ला, सभी 13 अखाड़ों के श्री महंत आचार्य, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश अग्रवाल पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ महावीर अग्रवाल एवं अन्य विद्वान भाग लेंगे। यह कार्यक्रम शाम 4:00 बजे से शुरू होगा और इसके समापन में प्रसाद वितरण होगा।