
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा, इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने अपना नाम वापस लेकर बम फोड़ दिया ।जानकारी के अनुसार वह नाम वापस लेने के बाद भाजपा में शामिल हो गए,. पिछले 35 साल से इंदौर लोकसभा सीट पर जीत की देख रही कांग्रेस का सपना अधूरा रह गया। बीजेपी का मजबूत गढ़ कहे जाने वाले इस क्षेत्र में एकदम नये-नवेले चेहरे अक्षय बम (45) को अपना उम्मीदवार बनाया था. इंदौर सीट पर बम की मुख्य चुनावी भिड़ंत बीजेपी के निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी (62) से होनी थी. लालवानी, इंदौर नगर निगम के सभापति और इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं । भाजपा नेता विजय वर्गीय ने एक्स पर सबसे पहले बम के साथ फोटो सांझा करते हुए जानकारी दी। इंदौर सीट पर कांग्रेस आखिरी बार 1984 में जीती थी।

1989 में यहां से सुमित्रा महाजन चुनी गई थी। लगातार 30 वर्षों तक सुमित्रा महाजन इंदौर लोकसभा से सांसद रही ।

2019 में सुमित्रा महाजन के स्थान पर शंकर लालवानी को प्रत्याशी बनाया गया था।जो बड़े अंतर से चुनाव जीते थे।अब फिर भाजपा प्रत्याशी हैं।
अक्षय कांति बम पेशे से कारोबारी हैं और उनका परिवार शहर में निजी महाविद्यालयों का संचालन करता है. वह जैन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इस समुदाय के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में करीब दो लाख मतदाता हैं. बम ने अपने राजनीतिक करियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है. बम ने 2023 के विधानसभा चुनावों में इंदौर-4 सीट से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था.
मतदाताओं की तादाद के लिहाज से प्रदेश में सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र इंदौर में 25.13 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है. यहां से बीजेपी ने इस बार आठ लाख मतों के अंतर से जीत का नारा दिया है. बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में इंदौर में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था. इंदौर में किसी सीट पर कांग्रेस को जीत नहीं मिली थी. इससे पहले सूरत सीट पर भी ऐसा ही कुछ हुआ था, जहां बीजेपी उम्मीदवार को निर्विरोध जीत मिल गई थी ।नामांकन वापस लिए जाने को लेकर अक्षय कांति बम ने कहा कि नामांकन जमा करने के बाद से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें पार्टी की ओर से कोई समर्थन नहीं मिल रहा था।

