दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली, कई महीनों बाद तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे। शराब घोटाले में जेल में बंद चल रहे केजरीवाल की जमानत से आम आदमी पार्टी में खुशी की लहर दौड़ गई है। केजरीवाल को इन शर्तों पर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है।
जमानत के लिए उनपर वहीं शर्तें लागू होंगी, जो ईडी के मामले में जमानत देते हुए लगाई गई थीं. जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही उनके दफ्तर जाने पर भी पाबंदी रहेगी. इतना ही नहीं, इस मामले में वो कोई बयान या टिप्पणी भी नहीं कर सकेंगे.
ज्ञात रहे कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद, उन्हें 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। मई में, उन्हें 21 दिन के लिए चुनाव प्रचार के उद्देश्य से रिहा किया गया, लेकिन बाद में फिर से जेल भेजा गया। कुल मिलाकर, केजरीवाल ने 156 दिन जेल में बिताए।
न्यायमूर्ति भुयान ने कहा कि सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी केवल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को दी गई जमानत को विफल करने के लिए थी। न्यायमूर्ति भुयान ने कहा कि सीबीआई ने 22 महीने तक केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं किया और ईडी मामले में उनकी रिहाई के ठीक पहले उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर याचिकाओं पर न्यायालय ने फैसला सुनाया, जिसमें उन्होंने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी और जमानत मांगी थी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले की सुनवाई की थी और 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों न्यायाधीशों ने अलग-अलग फैसले सुनाए।