दो दिवसीय मानसिक आघात प्रबंधन और खुशहाल रिश्ता पर आधारित चौथा आभासी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन स्पीकिंग क्यूब ऑनलाइन मेंटल हेल्थ कंसल्टिंग फाउंडेशन द्वारा आयोजन किया गया। यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन स्पीकिंग क्यूब ने 20 विश्वविद्यालयों, कई प्रतिष्ठित स्वयं सेवी संस्थाएं व प्रतिष्ठित लोगों के साथ मिलकर आयोजित किया। इस आयोजन में लगभग 250 शोध पत्र पढ़े गए। सम्मेलन की मुख्य अतिथि राज्यमंत्री संस्कृति साहित्य एवं कला परिषद श्रीमती मधु भट्ट रही।
राज्यमंत्री श्रीमती मधु भट्ट ने महिला सशक्तिकरण और जीवन में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर अपने ज्ञान के शब्द साझा किए।
वह उत्तराखंड के अस्पतालों में प्रसवकालीन मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की स्थापना, आम आदमी के मन को चिंता मुक्त करने के लिए कायाकल्प केंद्रों की स्थापना के लिए टीम स्पीकिंग क्यूब द्वारा रखे गए बिंदुओं से सहमत हुई। यूके के राज्यमंत्री मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए स्पीकिंग क्यूब के सकारात्मक प्रयासों परियोजनाओं का समर्थन करने की बात पर सहमत हुए और ऑनलाइन प्रसवकालीन मानसिक स्वास्थ्य ओपीडी को बढ़ावा दिया। राज्य मंत्री संस्कृति साहित्य एवं कला परिषद् श्रीमती मधु भट्ट ने यह भी सुझाव दिया कि यह कार्यक्रम भविष्य में देवभूमि उत्तराखंड पर एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में किया जा सकता है।
प्रदेश मंत्री मधु भट्ट ने डॉ੦ रीता कुमार, डॉ੦रेनू महेश, डॉ੦चेतन शारदा डॉ੦ नील कोब्रिन, डॉ੦ टी.एम.मुलौजदी, डॉ੦ आराधना शुक्ला, डॉ੦ मधुरिमा प्रधान, श्री नितेश शाही, डॉ੦ निधि वर्मा, डॉ੦ आभा सिंह, डॉ੦. अनीताचौहान, डॉ੦. शालिनी शर्मा, डॉ੦ बृजमोहन शर्मा को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया।
स्पीकिंग क्यूब की मनोवैज्ञानिक और प्लेथेरेपिस्ट श्रीमती गुरमीत शारदा ने सत्र की शुरुआत करते हुए आभासी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की पृष्ठ भूमि पर प्रकाश डाला गया। किस्पीकिंग क्यूब की संस्थापक और निदेशक डॉ. दीपिका चमोली शाही ने जीवन की सकारात्मकता का आह्वान करने के लिए देवीशक्ति से प्रार्थना की। डॉ0 शांता कुमार नेगी, विजिटिंग फैकल्टी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मंत्रोच्चारण के साथ कार्यवाही शुरू की और वातावरण को शुद्ध किया। इसके बाद सत्र की कमान डॉ0 दीपिका चमोली शाही को सौंपी गई।
इसके बाद सत्र का संचालन डॉ0 दीपिका चमोली शाही ने किया जिन्होंने स्पीकिंग क्यूब की कार्यवाही के बारे में अवगत कराया और कैबिनेट मंत्री, उत्तराखंड, श्री गणेश जोशी द्वारा साझा किया गया संदेश पढ़ा। श्री गणेश जोशी ने आघात और नशीली दवाओं की लत उन्मूलन की दिशा में स्पीकिंग क्यूब के प्रयास की सराहना की।
श्रीमती गुरमीत शारदा ने सम्मेलन के संरक्षक डॉ0 अनिल प्रकाश जोशी, पद्मश्री और पद्मभूषण को जीवन में सकारात्मकता और शांति के महत्व के बारे में सम्मानित सभा को सम्बोधित करने लिए आमंत्रित किया।
इसके बाद मंच शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ0 प्रेम कुमार खोसला को सौंप दिया गया और उन्होंने भारतीय संस्कृति के आध्यात्मिक पहलू के महत्व पर जोर दिया जो खुशहाल रिश्ते स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
डॉ0 कर्नल (सेवानिवृत्त) चेतन शारदा, सलाहकार स्पीकिंग क्यूब, चिकित्सा विशेषज्ञ यशोदा अस्पताल गाजियाबाद ने पेशेवर जीवन में आध्यात्मिकता के महत्व के बारे में चर्चा की।
इसके बाद मंच को रक्षा अकादमी पुणे के कमांडेंट, सेवानिवृत्त सेना अधिकारी कर्नल सुनील सिन्हा को सौंप दिया गया। उन्होंने अपने जीवन को शालीनता और बहादुरी से जीने के महत्व पर जोर दिया।
मंच को लखनऊ विश्वविद्यालय की हैप्पी ने सलैब की संस्थापक डॉ. मधुरिमा प्रधान ने आगे बढ़ाया। डॉ0 मधुरिमा ने अभिघातज के बाद के विकास और खुशी पर इसके प्रभाव पर शोध पर चर्चा की।
साई फायेसॉल्यूशंस की संस्थापक और निदेशक डॉ0 आभा सिंह ने वर्त्मान समय की ताकत के महत्व पर चर्चा की।
डॉ० आराधना शुक्ला, पूर्व डीन आर्ट, कुमाऊं विश्वविद्यालय ने चर्चा की कि कैसे एक आघात योग्यता विज्ञापन कैडर की परवाह किए बिना सभी को प्रभावित करता है।
एकेडमी ऑफ माइंडफुल साइकोलॉक लिफॉर्निआ अमेरिका के संस्थापक डॉ० नील कोब्रिन सत्र में शामिल हुए और सर्वश्रेष्ठ फिट की कहानियों के माध्यम से सफल रिश्ते के बारे में बताया।
डॉ० मंजूषा देश पांडे, डीन कम्युनिटी शिवाजी यूनिवर्सिटी कोल्हापुर ने इस सकारात्मक प्रयास के लिए स्पीकिंग क्यूब को बधाई दी।
दक्षिण अफ्रीका वेंडा विश्वविद्यालय के कार्यवाहक डीन डॉ० टी.एम.मुलौद ने दर्दनाक मुद्दों के इलाज के लिए दक्षिण अफ्रीका में प्रचलित विभिन्न उपचार पद्धतियों के बारे में चर्चा की। डॉ० शालिनी सिंह शर्मा, कंसल्टेंट सीनियर फेलो हेडबैंकिंग रिसर्च ने चाइल्डहुड फिनांसल ट्रामा के बारे में चर्चा की।
डॉ०रीता कुमार, सलाहकार स्पीकिंग क्यूब, वरिष्ठ प्रोफेसर ए.आई.पी.एस., एमिटी नोएडा ने कहा, आघात और नशीली दवाओं की लत साथ-साथ चलती है और समाधान लोगों को जीवन की शुरुआत से ही आध्यात्मिक अभ्यास के माध्यम से करना चाहिए।
डॉ. दीपिका चमोली शाही, स्पीकिंग क्यूब ऑनलाइन मेंटल हेल्थ कंसल्टिंग फाउंडेशन की संस्थापक और निदेशक, एडजंक्ट फैकल्टी (ऑनलाइन) दक्षिणी न्यू हेमशायर, यू.एस.एने. सत्र का आभार व्यक्त किया।