धूमधाम से मनाया जाएगा, मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस, बसंत पंचमी: बीएन राय ,सरस्वती पूजनोत्सव एवं महायज्ञ अनुष्ठान को लेकर तैयारी शुरू

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हरिद्वार।‌ तीर्थनगरी हरिद्वार की पावन भूमि पर धार्मिक एवं सामाजिक संस्था के तौर पर विख्यात पूर्वांचल उत्थान संस्था की ओर से बसंत पंचमी का पर्व बुधवार, 14 फरवरी को श्री अवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरादास हनुमान मंदिर सिंहद्वार ज्वालापुर में धूमधाम से मनाया जा रहा है।
सरस्वती पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष बीएन राय ने बताया कि गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी पूर्वांचल उत्थान संस्था की ओर से सरस्वती पूजनोत्सव एवं महायज्ञ अनुष्ठान को धूमधाम से मनाने की तैयारी शुरू हो गई है। संस्था के अध्यक्ष सीए आशुतोष पांडेय के निर्देशन में कार्यक्रम को भव्य स्तर पर आयोजित करने के लिए सरस्वती पूजा आयोजन समिति का गठन किया गया है। संरक्षक महामंडलेश्वर डॉ स्वामी संतोषानंद देव महाराज के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में जनपद हरिद्वार में रहने वाले समस्त पूर्वांचल समाज के लोगों के साथ स्थानीय लोगों को आमंत्रित किया गया है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन से बसंत ऋतु का आरंभ होता है। लोग बसंत पंचमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। बसंत पंचमी का पर्व मां सरस्वती के अवतरण दिवस में रूप में मनाया जाता है। हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है।


पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्माजी संसार के भ्रमण पर निकले हुए थे। उन्होंने जब सारा ब्रह्माण्ड देखे तो उन्हें सब मूक नजर आया। यानी हर तरफ खामोशी छाई हुई थी। इसे देखने के बाद उन्हें लगा कि संसार की रचना में कुछ कमी रह गई है। इसके बाद ब्रह्माजी एक जगह पर ठहर गए और उन्होंने अपने कमंडल से थोड़ा जल निकालकर छिड़क दिया। तो एक महान ज्योतिपुंज में से एक देवी प्रकट हुईं, जिनके हाथों में वीणा और चेहरे पर बहुत ज्यादा तेज था। यह देवी थीं सरस्वती, उन्होंने ब्रह्माजी को प्रणाम किया। मां सरस्वती के अवतरण दिवस के रूप में बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। ब्रह्माजी ने सरस्वती से कहा कि इस संसार में सभी लोग मूक है। ये सभी लोग बस चल रहे हैं इनमें आपसी संवाद नहीं है। ये लोग आपस में बातचीत नहीं कर पाते हैं। इस पर देवी सरस्वती ने पूछा की प्रभु मेरे लिए क्या आज्ञा है? ब्रह्माजी ने कहा देवी आपको अपनी वीणा की मदद की इन्हें ध्वनि प्रदान करो। ताकि ये लोग आपस में बातचीत कर सकें। एक दूसरे की तकलीफ को समझ सकें। इसके बाद मां सरस्वती ने सभी को आवाज प्रदान करी। मां सरस्वती की पूजा अर्चना कैसा करें मां सरस्वती की पूजा देवी और असुर दोनों ही करते हैं। इस दिन सभी लोग अपने घर, स्कूल, कॉलेज, कार्यस्थल पर मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं और उसने ज्ञान मांगते हैं। पूर्वांचल उत्थान संस्था के अध्यक्ष सीए आशुतोष पांडेय, महासचिव बीएन राय, वरिष्ठ समाजसेवी रंजीता झा,मिथलेश तिवारी, राकेश उपाध्याय, रामकिशोर मिश्रा, सुनील सिंह, राजेश राय, प्रशांत राय, रामसागर जायसवाल, रामसागर यादव, राकेश राय, पं त्रिपुरारी झा, विनोद शाह, संतोष पांडेय, दिलीप कुमार झा, विभाष मिश्रा, अबधेश झा, कामेश्वर यादव, विष्णु देव ठेकेदार, डॉ नारायण पंडित, राज नारायण मिश्रा,
धर्मेंद्र साह, शरमन कुमार, नंदलाल शाह, जंग बहादुर सिंह, चंदन कुमार, गुलशन कुमार, नीलेश्वर सिंह, प्रमोद यादव, पंकज कुमार ओझा, रमेश कुमार, मिथलेश यादव, मंगल देव यादव, शिवकुमार पाठक, पं भोगेन्द्र झा, अनिल उपाध्याय, दीपक कुमार झा, अनिल झा, राधेश्याम यादव, वरूण शुक्ला, सोहन सिंह, सहित अन्य गणमान्य सदस्य व्यापक स्तर पर तैयारी में जुटे हैं ।

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