
शिव मंदिर सेक्टर वन भेल समिति द्वारा आयोजित भगवान श्री राम कथा के तृतीय दिवस की कथा में कथा व्यास महंत प्रदीप गोस्वामी जी ने राम भक्तों को भगवान श्री राम के जन्म उत्सव की कथा सुनाई।कथा व्यास जी ने कहा कि भगवान के जन्म के अनेक कारण हैं।भगवान पृथ्वी पर इसलिए नहीं आते हैं कि उनको राक्षसों को मारना है यह कार्य तो ईश्वर अपनी इच्छा मात्र से भी कर सकते हैं लेकिन भगवान का अवतार इसलिए होता है कि भगवान को अपना भक्त प्रिय होता है कि उनको राक्षसों को मारना है यह कार्य तो ईश्वर अपनी इच्छा मात्र से भी कर सकते हैं लेकिन भगवान का अवतार इसलिए होता है कि भगवान को अपना भगत प्रिय होता है अतः भक्तों के दर्शन के लिए साधु महात्माओं का यज्ञ देखने के लिए उनसे आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं।एक दिन की बात है कि राजा दशरथ के यहां पुरोहित जी आये तब 1 दिन का उसका पुत्र जोर जोर से रोने लगा तब राजा दशरथ ने रोने का कारण पूछा तब पुरोहित ने बताया कि यह इसलिए रो रहा है कि मैं आगे किसका पुरोहित रहूंगा क्योंकि आपके यहां कोई संतान नहीं है बस यह बात दशरथ को लग गई चिंता में रहने लगे तब गुरु वशिष्ट जी से पुत्र जन्म के बारे में पूछा तब वशिष्ठ जी ने बताया कि आपको पुत्र के लिए यज्ञ करना पड़ेगा इसके लिए श्रृंगी ऋषि को बुलाया गया तथा इसके बाद राजा के यहां यज्ञ के प्रभाव से चार पुत्रों का जन्म हुआ।इसके बाद राजा के यहां यज्ञ के प्रभाव से चार पुत्रों का जन्म हुआ यह पुत्र कोई साधारण पुत्र नही हुए आपितु दुनिया की सारी शक्तियां आज राजा दशरथ के यहां आई।
नामकरण में इनके नाम राम,लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न रखा गया ।जब राम का अवतार हुआ कौशल्या ने देखा कि यह बालक बहुत बड़ा है बच्चा तो बहुत छोटा होता है तब माता ने कहा कि मेरे घर में राम बालक रूप में आकर छोटे बनकर बच्चों की तरह रोना प्रारंभ करो भगवान ने ऐसा ही किया आज परब्रह्म नारायण भक्तों के कहने पर सब करने को तैयार हो जाते है यदि वो सेवा भाव और भक्ति भाव से कहे तो।क्योकि भगवान भाव के भूखे है।अर्थात वास्तव में भगवान भक्तों के अधीन है भगवान जी सब कुछ सहन कर सकते है लेकिन अपने भक्तों का अपमान सहन नहीं कर सकते है भगवान के उत्सव के चर्चा करते हुए कथा व्यास जी ने कहा कि जो भगवान का उत्सव अपने घर में करता है भगवान के सभी कार्यों में मंगल करता है अमंगल उसे छू भी नहीं सकता इसलिए भगवान राम का एक नाम मंगल भवन अमंगल हारी भी है राम जन्मोत्सव शिव मंदिर सेक्टर वन में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया।और मंदिर में आए सभी भक्तों ने आनंद उठाया।


कथा के मुख्य यजमान हरेंद्र मौर्य और ललिता,ब्रिजेश शर्मा,जय प्रकाश,राकेश मालवीय,तेजप्रकाश, आदित्य गहलोत,अनिल चौहान,अनुज सिंह,सुनील चौहान,होशियार, विष्णु समाधिया,महेश तिवारी,मानदाता,मोहित शर्मा, हरिनारायण त्रिपाठी,दीपक मोर,एल.डी.मेहता,संजय चौहान,संतोष तिवारी,विनीत तिवारी,रामकुमार,लीना,अलका शर्मा,भावना गहलोत,संतोष चौहान,सरला शर्मा,विभा गौतम,अनपूर्णा,राजकिशोरी मिश्रा,सुमन,डोली, कौशल्या,अंजू,मंजू आदि लोग उपस्थित हुए।
