देश के बच्चे बच्चे में वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करना हमारा उद्देश्य – पुष्कर सिंह धामी , 16 बाल वैज्ञानिकों के चयन के साथ यूकोस्ट में राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस का समापन।

उत्तराखंड राष्ट्रीय शिक्षा
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तकनीकी सत्रों से चुने गए छात्रों को पुरस्कार और प्रमाणपत्र वितरण के साथ यूकोस्ट में आयोजित राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का समापन हुआ ।


31वीं राज्य बाल विज्ञान कांग्रेस 2023 के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो संदेश के माध्यम से उत्तराखंड के सभी 13 जिलों से आए छात्रों और मार्गदर्शक शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान व प्रौद्योगिकी के लिए आम जन तक पहुंचना बहुत आवश्यक है क्योंकि हम लोग लगातार नई टेक्नोलॉजीज विकसित कर रहे हैं। हम नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन विज्ञान की समझ से हम टेक्नोलॉजी का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकेंगे। आज देश जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है उसके लिए बच्चे बच्चे में वैज्ञानिक सोच का विकास होना बहुत जरूरी है, यही हमारा उद्देश्य भी है। हमारे प्रदेश में कृषि, बागवानी, पर्यटन, ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने की अपार क्षमता है, लेकिन महत्वपूर्ण है कि हम अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी के समन्वय से प्रदेश में विकास का मॉडल तैयार करें। हम सभी जानते हैं कि हमारे पास पारंपरिक ज्ञान का खजाना है, जिसका अच्छी तरह से उपयोग करने की आवश्यकता है और नए आजीविका विकल्पों और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में तेजी से काम करने की आवश्यकता है। प्रदेश में अनुसंधान, अनुसंधान और तेजी से काम करने की आवश्यकता है। प्रदेश में अनुसंधान और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि आज के दौर में इन सबके बिना विकास की परिकल्पना संभव नहीं है। उन्होंने भाग लेने आए सभी बच्चों को शुभकामनाएं दी।


UCOST के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने प्रदेश के सभी 95 ब्लाक से आए बाल वैज्ञानिकों, मार्गदर्शन शिक्षकों व स्कूल कोऑर्डिनेटरों का राज्य स्तर 31वीं राज्य बाल विज्ञान कांग्रेस में स्वागत व अभिनंदन किया। । उन्होंने कहा कि इस वर्ष, राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में 130 से अधिक बाल वैज्ञानिक और लगभग 50 मार्गदर्शक शिक्षक भाग ले रहे हैं और जो इस वर्ष के विषय “स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना” के तहत विभिन्न 05 उप-विषय में भाग लिया।तकनीकी सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया और दो अलग-अलग वर्गों के तहत अपनी परियोजनाओं और मॉडल प्रस्तुत किए; विभिन्न उप-थीम पर जूनियर (10-14 वर्ष) और वरिष्ठ (14-17 वर्ष): ‘अपने पारिस्थितिकी तंत्र को जानें’, ‘स्वास्थ्य, पोषण, और कल्याण को बढ़ावा देना, ‘सामाजिक और पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य के लिए सांस्कृतिक अभ्यास, ‘स्व-निर्भरता के लिए इकोसिस्टम आधारित दृष्टिकोण’, और ‘परिकी तंत्र और स्वास्थ्य के लिए तकनीकी नवाचार पर अपने अपने शोध-पत्र और परियोजनाएं प्रस्तुत की। जहां 16 शोध-पत्रों का चयन राष्ट्रीय स्तर के लिए किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय गणित दिवस – 2023 के UCOST “NASI इंटरैक्टिव सत्र” द्वारा आयोजित एक विशेष विशेष कार्यक्रम भी आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का समापन छात्रों के सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ किया गया, जिससे वैज्ञानिक सभा को एक जीवंत और कलात्मक स्पर्श मिलाइस दौरान फोकल थीम के तहत विभिन्न 05 उपविषयों में 16 बाल वैज्ञानिक पुरस्कृत हुए। राष्ट्रीय स्तर चयन भी हुआ। प्रथम उपविषय ‘अपने परिरतंत्र को जाने’ में युतिका गोपेश्वर, नितिका बड़कोट उत्तरकाशी, रितिका उखीमठ रुद्रप्रयाग का चयन हुआ। जबकि, ‘स्वास्थ्य स्वास्थ्य पोषण और कल्याण को बढ़ावा देना’ उप विषय में प्रिंसी जोशीमठ, इशा टिहरी, हेमा भंडारी अल्मोड़ा, ‘आत्मनिर्भरता के लिए पारितंत्र आधारित दृष्टिकोण’ उपविषय में निखिल पांडेय मूनाकोट पिथौरागढ़, रिद्धि गुप्ता ऊधम सिंह नगर, आराध्या पंत चंपावत, ‘पारितंत्र और स्वास्थ्य के लिए सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रथाएं’ उपविषय में हिमांशी राणा यूएसनगर, शिवाग सकलानी टिहरी, निकिता चमोली, ‘स्वास्थ्य और कल्याण के लिए तकनीकी नवाचार’ उपविषय में आकाश ध्यानी पौड़ी, राफिया हल्द्वानी, अक्षत गिरी हल्द्वानी का चयन हुआ। चयनित बात वैज्ञानिकों को पुरस्कृत किया गया। मार्ग दर्शक शिक्षकों और अन्य बाल वैज्ञानिकों को भी स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।।
इसके समापन सत्र में शिक्षा एवं सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बाल वैज्ञानिकों को पूरे समाज में वैज्ञानिक चेतना जागृत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस बाल विज्ञान- कांग्रेस में पुरस्कृत सोलह विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। अन्य विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि भविष्य में वह भी मेहनत कर देशभर में अपना और राज्य का नाम रोशन करें।।

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