सोमवती अमावस्या पर विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान किया और दान पुण्य कर परिवार के लिए मंगलकामना की। दीपावली के अगले दिन आयी सोमवती अमावस्या के ज्योतिषीय व धार्मिक महत्व के चलते दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश आदि विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे। शास्त्रीय व पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करने से सभी पापों से और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। सोमवती अमावस्या पर दान पुण्य का भी काफी महत्व माना जाता है। पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या का कहा जाता है। अमावस्या के दिन ही शर सैय्या पर लेटे भीष्म पितामह ने अपने प्राणों का त्याग किया था। सोमवती अमावस्या पर गंगा और अन्य नदियों में स्नान करने और पीपल के वृक्ष की 108 परिक्रमा करने से सभी कष्टों का निवारण होता है।
सोमवती अमावस्या स्नान पर हमेशा ही लाखों की भीड़ उमड़ती रही है लेकिन इस बार अपेश्राकृत कुछ कम संख्या में श्रद्धालु आए सोमवार को श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे और हरकी पैड़ी सहित विभिन्न घाटों पर गंगा स्नान किया। स्नान को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस ने कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए थे। मेला क्षेत्र को 5 सुपर जोन, 16 जोन एवं 39 सेेक्टरों में बांटकर सुरक्षा व यातायात के प्रबंध लागू किए गए थे।