शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज आज हरिद्वार पहुंचे जहां उन्होंने गंगा की नीलाधारा पर बने नमामि गंगे घाट पर गंगा पूजन कर उत्तराखंड की शीतकालीन चारधाम यात्रा का शुभारंभ किया।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज कल 5 दिसम्बर को हरिद्वार स्थित अपने शंकराचार्य आश्रम से यात्रा की शुरुआत करेंगे। गंगा पूजन के मौके पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व उनके द्वारा शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत की गई थी जिसको अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर अब उत्तराखंड सरकार भी प्रोत्साहित कर रही है, उन्होंने सभी सनातनियों से ग्रीष्मकालीन यात्रा की तर्ज पर शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी बढ़ चढ़ कर शामिल होने का आव्हान किया, उन्होंने कहा कि शीतकाल में भगवान का केवल स्थान बदलता है पूजा नहीं रूकती इसलिए सभी श्रद्धालुओं को शीतकालीन चारधाम यात्रा भी करनी चाहिए।
वही कुंभ 2027 पर बोलते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि कुंभ की तिथियों अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नहीं पड़ती वे तो हिंदू कैलेंडर के अनुसार होती है और इस बार 2048 के आधार पर कुंभ पढ़ रहा है इसलिए वे सभी सनातनियों को भव्य दिव्य कुंभ में शामिल होने का आव्हान किया है।वही इस मौके पर अयोध्या में राम मंदिर पर प्रधानमंत्री की मौजूदगी में धर्मध्वजा के अवसर पर सैनिकों द्वारा जूते पहन कर ध्वजा को फैहराया जाना सनातनियों को ठेस पहुंचाने वाला है।



