श्रद्धा व उल्लास के साथ मनायी गयी महर्षि वाल्मिीकि जयंती
हरिद्वार, 28 अक्तूबर। धर्मनगरी में वाल्मीकि जयंती का पर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पहुंचकर महर्षि वाल्मिीकि की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। महानगर कांग्रेस अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कार्यकर्ताओं के साथ कनखल स्थित प्राचीन वाल्मिकि आश्रम और भीमगोड़ा वाल्मीकि मंदिर पहुंचकर महर्षि वाल्मीकि के चित्र और मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर माथा टेका। महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलकर व्यक्ति को अपना जीवन सफल बनाना चाहिए। महानगर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अमन गर्ग ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना कर पूरे समाज का मार्गदर्शन किया। महर्षि वाल्मिीकि ने बताया कि अहंकार सबकुछ नष्ट कर देता है। अहंकार के चलते ही रावण का पूरा कुल नष्ट हो गया। इस अवसर पर पार्षद कैलाश भट्ट, राजेंद्र श्रमिक, सुरेंद्र तेश्वर आदि भी उपस्थित रहे।महर्षि वाल्मिीकि प्रकटोत्सव पर प्रभात फेरी और हवन यज्ञ का आयोजन किया। खड़खड़ी क्षेत्र से भगवान वाल्मीकि के जन्मोत्सव पर शोभायात्रा निकाली।
सदैव प्रासंगिक रहेंगी महर्षि वाल्मिीकि की शिक्षाएं-महंत मानदास कनखल स्थित भगवान वाल्मीकि आश्रम में महर्षि भगवान वाल्मीकि प्रकटोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के तहत प्रातः 5 बजे प्रभात फेरी निकाली गई। उसके बाद हवन व भंडारा प्रसाद वितरित किया गया। सोमवार को भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा। आश्रम के महंत मानदास ने भगवान वाल्मीकि की मूर्ति पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर सभी को महर्षि वाल्मिीकि जयंती की बधाई देते हुए कहा कि रामायण जैसे महाग्रंथ की रचना कर समाज को दिशा दिखाने वाले महर्षि वाल्मिीकि की शिक्षाएं सदैव प्रासंगिक रहेंगी। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए आदर्श समाज बनाने में योगदान करना चाहिए। मेयर अनिता शर्मा व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि महर्षि वाल्मिीकि जन-जन के आराध्य हैं। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने भी महर्षि वाल्मिीकि की मूर्ति पर माल्यार्पण किया और सभी वाल्मिीकि जयंती की बधाई दी। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, पूर्व सभासद अशोक शर्मा, पार्षद परमजीत पम्मा, आत्माराम बेनीवाल, चेतराम तेश्वर, चैधरी सुरेंद्र तेश्वर, नानक चन्द बिरला, ओमप्रकाश तेश्वर, जगदीश वैद, अशोक तेश्वर, नाथीराम पेवल, अशोक वैद, घनश्याम पेवल, शिवप्रसाद छाछर, अजय वैद, विपिन पेवल, नीरज छाछर, चंद्रभान, नवीन तेश्वर, राजेन्द्र चैटाला, नरेश चनयाना, राजेश छाछर, भंवर सिंह, राजेंद्र श्रमिक, जतिन तेश्वर, शुभम ढिलोड, जितिन पेवल, अभिषेक तेश्वर, नितिन पेवल, विशेष ढिलोड, आदित्य तेश्वर, आयुष बागड़ी, रितिक चंचल, मोनू घाघट आदि सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।