जिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों ने भारत माता को आजाद कराया, उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों तथा उनके वंशजों का अपमान भारत माता का अपमान होगा
हरिद्वार 6 जुलाई, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के तत्वावधान में हर महीने प्रथम रविवार 10 बजे 10 मिनट स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों के नाम अभियान के अन्तर्गत आज 6 जुलाई रविवार को देशभर में एक साथ ध्वजारोहण, राष्ट्रगीत का गायन, स्वतंत्रता सेनानी स्तंभों तथा शहीद स्थलों में पुष्पांजलि कार्यक्रम के साथ ही एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की जीवन गाथा सुनाने के आयोजन किए गए। हरिद्वार जिले में अमर शहीद जगदीश वत्स पार्क निकट जटवाड़ा पुल, ज्वालापुर हरिद्वार के साथ ही वटवृक्ष सुनहरा रुड़की, स्वतंत्रता सेनानी स्तंभ कोतवाली के सामने हरिद्वार, राजा विजय सिंह स्मारक कुंजा बहादुरपुर, स्वतंत्रता सेनानी स्तंभ रुड़की, भगवानपुर, लक्सर तथा बहादराबाद में कार्यक्रम आयोजित किए गए। शहीद जगदीश वत्स पार्क निकट जटवाड़ा पुल ज्वालापुर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री भारत भूषण विद्यालंकार ने ध्वजारोहण किया। राष्ट्रगान के साथ ही समूचा परिसर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर रहें के उद्घोष से गूंज उठा। राष्ट्रगान के बाद शहीद जगदीश वत्स की प्रतिमा पर संगठन के अध्यक्ष देशबंधु, वीरेन्द्र कुमार गहलौत, अरुण पाठक तथा कैलाश वैष्णव ने माल्यार्पण किया, तत्पश्चात उपस्थित सेनानी परिवारों तथा गणमान्य नागरिकों ने पुष्पांजलियां समर्पित कीं।
संगठन के संयुक्त सचिव अनुराग सिंह गौतम ने राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी का देशभर के सेनानी परिवारों के लिए भेजा गया संदेश पढ़कर सुनाया– आज 6 जुलाई 2025 को हम *हर महीने प्रथम रविवार दस बजे दस मिनट स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों के नाम* अभियान के अन्तर्गत 31 वें माह में प्रवेश कर रहे हैं। इस अवधि में हमारे पराक्रमी भाई बहनों ने जिस पुरुषार्थ का परिचय देते हुए इस अभियान के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानी परिवारों को संगठित किया है, उसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारत सरकार ने 2027 में जनगणना का अध्यादेश जारी कर दिया है, जिसमें जाति, धर्म और सम्प्रदाय के आधार पर भी अलग अलग गणना करने का प्रावधान रखा गया है, देश की आजादी में जाति, धर्म और सम्प्रदाय की दीवारें नहीं खड़ी थीं, स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवार इस आधार पर जनगणना का समर्थक तो नहीं है, फिर भी सरकार को यदि इस आधार पर जनगणना करानी है तो उसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों के वंशजों की गणना को भी आधार बनाया जाना चाहिए, ताकि गौरैया पक्षी की भांति विलुप्त प्रजाति के कगार पर खड़े सेनानी परिवारों के अस्तित्व की रक्षा की जा सके।
इसके लिए स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति की ओर से दिनांक 4 मई 2025 में ही महामहिम राष्ट्रपति महोदया तथा माननीय प्रधानमंत्री जी को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अब स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत सभी संगठन, हर स्वतंत्रता सेनानी परिवार तथा हर सदस्य भी महामहिम राष्ट्रपति महोदया तथा माननीय प्रधानमंत्री महोदय को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों के वंशजों को जनगणना के क्रम में एक अलग कालम बनाने का प्रस्ताव भेजेंगे तथा इसी के साथ माननीय सांसदों से भी अनुरोध करेंगे कि 21 जुलाई से आरम्भ हो रहे संसद के वर्षा कालीन सत्र में इस विषय को गंभीरता पूर्वक उठाकर सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट करें।
हमें विश्वास है कि स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों के अस्तित्व की रक्षा के लिए सभी मिलजुल कर सरकार को इस प्रस्ताव के माध्यम से यह एहसास कराएंगे कि जिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों ने भारत माता को आजाद कराया, उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों तथा उनके वंशजों का अपमान भारत माता का अपमान होगा।
इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार ने संगठन द्वारा देशभर में सेनानी परिवारों को संगठित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अब शीघ्र ही हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। संगठन के अध्यक्ष देशबंधु ने 14 सितम्बर में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक तथा 25-26 अक्टूबर 2025 में अमृतसर पंजाब में आयोजित स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवार राष्ट्रीय सम्मेलन की जानकारी दी। प्रसिद्ध समाजसेवी तथा कवि अरुण पाठक ने अपने सम्बोधन में कहा कि अब स्वतंत्रता सेनानी संगठन को अपने अभियान में रचनात्मक कार्यक्रमों को भी शामिल करना चाहिए, ताकि नई पीढ़ी को भी देशभक्ति की भावना से अनुप्राणित किया जा सके।
शहीद जगदीश वत्स पार्क निकट जटवाड़ा पुल ज्वालापुर में आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से हरिशंकर सैनी, कैलाश वैष्णव, वीरेन्द्र गहलोत, आदित्य गहलोत, अनुराग सिंह गौतम, परमेश चौधरी, अरविंद कौशिक, रमेश चंद्र गुप्ता, सुखवीर सिंह, मंजुलता भारती, सुरेंद्र कुमार छाबड़ा, नरेन्द्र कुमार वर्मा तथा शीशराम सिंह सहित स्थानीय गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।


