दीपशिखा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच, हरिद्वार द्वारा कवि गोष्ठी आयोजित ,होली पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया ।

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दीपशिखा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच, हरिद्वार द्वारा कवि गोष्ठी का आयोजन पातंजल योगधाम ,आर्य नगर ज्वालापुर के सभा सभागार में होली पर्व के उपलक्ष्य में बड़ी संख्या में होली के गीत गाए गए और होली का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कवयित्री डॉ० मीरा भारद्वाज द्वारा तथा संचालन डॉ० सुशील कुमार त्यागी ‘अमित’ ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ० अशोक गिरी रहे। कवि गोष्ठी का शुभारंभ मांँ शारदे को पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। मधुर वाणी में सरस्वती वंदना डॉ० निशा जी ने की।
कवयित्री कविता जोशी ने होली पर्व की महत्ता पर कुछ यूंं गुनगुनाया *राधा के संग रास बिहारी खेले होली आज है, प्रेम प्रस्तुत हुआ धरा पर अवनी आज निहाल है*। कवि देवेंद्र मिश्र ने कहा *जो होली सो होली आओ खेले होली* सुंदर चौधरी ने अपनी हार्दिक भावनाएं कुछ इस प्रकार बयान कि *मुझे उनकी बहुत याद आई उनके जाने के बाद*। रितेश कुशवाहा ने कहा *व्यर्थ की बातें न बढ़ा ….। वृंदा शर्मा ने कहा *सप्त वर्णी पाग धारे फाग को भी साथ लाई , देखो देखो होली आई* वरिष्ठ कवि साधु राम पल्लव ने गाया *हम चाहते थे प्यार का विस्तार होली पर, करना पड़ा पर दूर से दीदार होली पर*।कवयित्री डॉ० मीरा भारद्वाज ने अपनी बानगी इस प्रकार प्रस्तुत की *पुष्प सरीखा जन-जन है, भारत की रंगोली में। सुगंध प्रेम की फैलाए, मिलकर खेले होली में। डॉ० सुशील कुमार ‘अमित’ त्यागी ने एकता के भावों का प्रतीक मानते हुए कहा -एक्य भाव सब में रहे सबका हो उत्थान, होली का संदेश यह समझो अमित सुजान। डॉ० मेनका त्रिपाठी ने कहा सद्भाव, प्रेम, वैराग्य, अनुराग में रंगने का पर्व है होली । निशा शर्मा ने गाया- गंगा मैया का किनारा चंडी मनसा का दरबारा, डॉ० प्रकाश चंद्र जोशी ने होली गीत इस प्रकार गाया *मत जाओ पिया होली आय रही, मत जाओ पिया होली आय रही। डॉ० अशोक गिरी ने होली का त्योहार मुझे बड़ा बेढंगा लगता है। ऐसा कहकर होली के बहाने फैली बुरी आदतों को दूर करने की बात कही।कवि दीनदयाल दीक्षित ने कहा *दुनिया के देख रंग मैं तो हुआ दंग*। डॉ०अरुण पाठक जी ने फरमाया *घोर निराशा में आशा का दीप जलाना पड़ता है चाहे कितनी मजबूरी हो पर मुस्कुराना पड़ता है*। इस अवसर पर वरिष्ठ कवि ज्वाला प्रसाद दिव्य, शशि रंजन समदर्शी, आशा सहानी, प्रेमी शंकर शर्मा ‘प्रेमी’ हास्य कवि गुरु वचन सिंह , कंचन प्रभा गौतम,युवा प्रतिभा अपराजिता आदि कवियों ने होली के गीत गाकर काव्य की अजस्र धारा बहाई और होली पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला। शुभकामनाओं सहित कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

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