भारी बारिश का कहर, उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही का मन्ज़र, कई मज़दूर लापता।
देर रात्रि से लगातार बारिश से जनपद उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पालीगाड़, कुथनौर, जर्ज़र गाड के पास तथा गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नेताला बिशनपुर, लालढांग, नलूणा के पास बाधित है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थान पालीगाड़ से करीब 4-5 किमी0 आगे सिलाई बैंड के पास अतिवृष्टि (भूस्खलन) के कारण 9 मजदूरों के लापता होने की सूचना है। पुलिस, SDRF, NDRF, राजस्व, NH बडकोट, स्वास्थ्य विभाग आदि टीमो द्वारा राहत एवं खोज बचाव का कार्य किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त स्थान पर लेवर कैम्प भू-स्खलन की चपेट मे आ गया, कैम्प मे 19 श्रमिक स्टे कर रहे थे, जिनमें 10 श्रमिक सुरक्षित हैं, जिनको रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है। 9 लापता लोगों की सर्चिंग हेतु रेस्क्यू कार्य गतिमान है। उक्त स्थान पर यमुनोत्री हाइवे का 10-12 मीटर हिस्सा वास आउट हो गया है, मार्ग को सुचारु करने का कार्य जारी है, मार्ग सुचारु होने मे समय लग सकता है। सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस द्वारा तीर्थंयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में देर रात हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटना से व्यापक तबाही हुई है। यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास पालीगाड़-ओजरी डाबरकोट क्षेत्र में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के कारण कई मजदूर लापता हो गए हैं। प्रशासन और एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई हैं।
घटना रात करीब 12 बजे हुई, जब यमुनोत्री हाईवे के नजदीक सिलाई बैंड क्षेत्र में बादल फटने से अचानक तेज पानी का सैलाब आया। इस दौरान सड़क निर्माण और अन्य कार्यों में लगे मजदूर टेंट में सो रहे थे, जो बाढ़ के पानी में बह गए। बड़कोट थानाध्यक्ष दीपक कठेत ने बताया कि अभी तक 8-9 लोगों के लापता होने की खबर है, जो नेपाली मूल के मजदूर हैं।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी (DM) प्रशांत आर्य ने बताया कि लापता लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। हाईवे पर मलबा जमा होने और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। बादल फटने के बाद यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड, ओजरी और डाबरकोट के आसपास कई स्थानों पर सड़कें बंद हो गई हैं। ओजरी के पास सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, जबकि खेतों में मलबा भर गया है। स्यानाचट्टी के पास कुपड़ा कुंशाला मोटर पुल भी खतरे में है।

